कवर्धा जिले में दो बायसन का शिकार: सीसीएफ की टीम पहुंची मौके पर, पांच शिकारी गिरफ्तार

भोरमदेव अभयारण्य वन विभाग
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भोरमदेव अभयारण्य में दो बायसन का शिकार 

शिकारी कई किमी दूर तक बिजली का तार बिछाकर बायसन का शिकार कर गए और वन विभाग को भनक तक नहीं लगी।

संजय यादव- कवर्धा। भोरमदेव अभयारण्य के चिल्फी पूर्व रेंज के बीट क्रमांक 333 से वन विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यहां शिकारियों ने जंगल में करंट लगाकर एक सप्ताह के भीतर दो बायसन का शिकार कर लिया।

कई किमी. दूर तक बिछाए गए थे बिजली के तार
सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, जहां बायसन के अवशेष बरामद हुए। जांच के दौरान यह सामने आया कि शिकारियों ने जंगल में लगभग 3 से 4 किलोमीटर तक बिजली के तार बिछाकर करंट लगाया था। इसी करंट की चपेट में आकर दोनों बायसन की मौत हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वन अधिकारियों ने तुरंत डॉग स्क्वॉड को बुलाया और व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।

पाँच आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
तलाशी के दौरान कई स्थानों से करंट बिछाने में उपयोग किए गए तार जप्त किए गए। डॉग स्क्वॉड की मदद से मिली सुरागों के आधार पर वन विभाग ने आरपी सल्हेवरा क्षेत्र से पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के घरों पर छापेमारी के दौरान बायसन के मांस के अवशेष भी मिले, जिससे शिकार की पुष्टि हुई है।

सामने आ चुके हैं शिकार के कई मामले
वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर राज्य और केंद्र सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती हैं, इसके बावजूद इस तरह की घटनाओं पर रोक न लग पाना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। इससे पहले भी इस इलाके में करंट लगाकर शिकार किए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

तत्काल कार्रवाई की गई : सीसीएफ
सीसीएफ Satovisha Samajhdar ने बताया कि, घटना की भनक लगते ही वन मंडल अधिकारी और वन अमला मौके पर पहुंच गए थे तथा तत्काल कार्रवाई की गई। आरोपियों से विस्तृत पूछताछ जारी है। अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल टावर लोकेशन डेटा भी खंगाला जा रहा है ताकि शिकार में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। वन विभाग ने कहा है कि, यह मामला अत्यंत गंभीर है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और गश्त को और मजबूत किया जाएगा।

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