पीएम सड़क योजना को लेकर सियासी घमासान: कांग्रेस नेता के आरोपों के बाद रायपुर से पहुंची तकनीकी टीम ने की जांच, नहीं मिली कोई खामी

पीएम सड़क योजना को लेकर सियासी घमासान
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सड़क की जांच करती हुई तकनीकी टीम

कवर्धा जिले में PM सड़क योजना के तहत बनी सड़क की गुणवत्ता को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता के आरोपों के बाद रायपुर से पहुंची तकनीकी टीम ने जांच की।

संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के वनांचल क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क की गुणवत्ता को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस नेता द्वारा सड़क उखड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने के बाद मामला चर्चा में आया।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सरकार पर तंज कसा है। जिस सड़क को लेकर विवाद है, उसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर बताई जा रही है। जिस पर करीब 1 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत आई है। सड़क कोयलारी से मोंदियापथरा तक बनाई गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तकनीकी अधिकारियों की टीम पिछले दो दिनों से मौके पर मौजूद है।

नहीं पाई गई किसी प्रकार की लापरवाही
रायपुर से पहुंची तकनीकी टीम में दो एसी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने सड़क की गुणवत्ता की जांच की। जांच के बाद अधिकारियों ने दावा किया है कि, सड़क निर्माण में किसी तरह की कोई कमी नहीं पाई गई है और निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया गया है। मीडिया टीम ने पहुंचकर सड़क की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों का कहना है कि, सड़क पूरी तरह से मानकों के अनुरूप है और निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है।


PMGSY और PM जनमन सड़कें बनीं राजनीति का अखाड़ा
वहीं 26 दिसंबर को कोरिया जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पीएम जनमन योजना के भरतपुर–सोनहत विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों की लागत से स्वीकृत सड़कों को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया। सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति को लेकर श्रेय लेने की होड़ मच गई है। मौजूदा विधायक और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट पर अब पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने खुला मोर्चा खोल दिया है। गुलाब कमरो ने प्रेसवार्ता कर तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा और सीधे-सीधे झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया है।

भरतपुर–सोनहत विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़कों को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी अब खुली जंग में बदलती नजर आ रही है। पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने प्रेसवार्ता में दावा किया कि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पीएम जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत सड़कों का श्रेय विधायक नहीं, बल्कि क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना महंत को जाता है।

56 सड़कों को 236 करोड़ रुपये की मंजूरी
गुलाब कमरो ने बताया कि, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कोरिया जिले में सांसद ज्योत्सना महंत की अनुशंसा से कुल 52 सड़कों का प्रस्ताव भेजा गया था, जिनमें से 27 सड़कों को लगभग 147 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। वहीं मनेन्द्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर जिले में 70 सड़कों के प्रस्ताव में से 56 सड़कों को लगभग 236 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इसके अलावा पीएम जनमन योजना के तहत एमसीबी जिले में 55 सड़कों को लगभग 179 करोड़ रुपये की स्वीकृति सांसद के प्रयासों से मिली।

सांसद ज्योत्सना महंत की अनुशंसा से स्वीकृत हुई सड़कें
भरतपुर–सोनहत पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने आरोप लगाया कि, जब पूरी प्रशासकीय प्रक्रिया पूरी हो गई तब विधायक द्वारा श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है जो सच्चाई से परे है। ये सड़कें किसी एक व्यक्ति की देन नहीं हैं। सांसद ज्योत्सना महंत की अनुशंसा और प्रयासों से ये स्वीकृत हुई हैं। जनता को गुमराह करना गलत है, विकास कार्यों में झूठा श्रेय नहीं लेना चाहिए।

विधायक रेणुका सिंह और भाजपा का कड़ा पलटवार
गुलाब कमरो के आरोपों पर अब विधायक रेणुका सिंह और भाजपा ने कड़ा पलटवार किया है। भाजपा जिला प्रवक्ता जमुना पांडे ने गुलाब कमरो पर सीधा हमला बोलते हुए उनके कार्यकाल पर सवाल खड़े किए। जब गुलाब कमरो विधायक थे, तब दस लाख रुपये का काम भी नहीं करवा पाए। जनता ने इसी वजह से उन्हें किनारे कर दिया। अब विकास देखकर बयानबाज़ी कर रहे हैं। वहीं विधायक रेणुका सिंह ने भी पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को पीएम जनमन योजना की जानकारी ही नहीं है। भरतपुर–सोनहत गुलाब कमरो और सांसद ज्योत्सना महंत को पीएम जनमन योजना की सही जानकारी नहीं है। बिना तथ्य जाने बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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