छत्तीसगढ़ में मादा बाइसन का शिकार: करंट में उलझ कर गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत, वनरक्षक निलंबित

वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय अर्जुनी
कुश अग्रवाल - बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार वनमंडल अंतर्गत बार नयापारा रिजर्व क्षेत्र के अर्जुनी वन परिक्षेत्र में एक गर्भवती मादा बाइसन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। बाइसन की उम्र लगभग 7 से 8 वर्ष बताई जा रही है। घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप और स्थानीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट युक्त तार की चपेट में आने से बाइसन की मौत हुई है।
जंगल में मिला बाइसन का शव, गर्भस्थ शावक की भी मौत
ग्रामीणों ने जंगल में मृत बाइसन को देखा और तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची वन अमले की टीम ने पाया कि बाइसन का शरीर झुलसा हुआ था, जिससे करंट लगने की आशंका और गहराती दिखी। जांच में यह भी सामने आया कि मृत बाइसन गर्भवती थी और करंट की चपेट में आने से उसके गर्भस्थ शावक की भी मौत हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार, घटनास्थल से कुछ दूरी पर बिजली का तार गुजर रहा है। संदेह जताया जा रहा है कि इसी तार के जरिए शिकारियों ने करंट बिछाया था। जानकारी के मुताबिक, मौत के बाद बाइसन के कुछ अंग काटकर आसपास फेंके गए, जिससे अवैध शिकार की आशंका और मजबूत हो गई है।
तीन संदिग्ध हिरासत में, एक आरोपी की तलाश
वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गांव के तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया ह, एक अन्य आरोपी की तलाश अभी जारी है। हिरासत में लिए गए व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, मामले की पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी।

पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार
घटना की सूचना मिलते ही वन विकास निगम और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पशु चिकित्सकों की टीम ने मृत बाइसन का पोस्टमार्टम किया और रिपोर्ट तैयार करने के बाद वन विभाग ने वन्यजीव नियमों के अनुसार अंतिम संस्कार संपन्न कराया।
वन्यजीव संरक्षण पर उठे सवाल
यह घटना वन क्षेत्रों में अवैध शिकारियों की सक्रियता और वन्यजीव संरक्षण व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। गर्भवती बाइसन की मौत से वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से कड़ी कार्रवाई और सघन गश्त बढ़ाने की मांग की है।
कार्रवाई के बाद वनरक्षक निलंबित
इस मामले में वन विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित वनरक्षक को निलंबित कर दिया है। विभाग ने सतर्कता में कमी और लापरवाही के आरोप में वनरक्षक प्रेमचंद धृतलहरे को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।
वन विभाग की जांच तेज, निगरानी बढ़ाई गई
वनमण्डल अधिकारी गणवीर धम्मशील ने बताया कि यह मामला गंभीर वन्यजीव अपराध के अंतर्गत आता है, जिसकी गहन जांच की जा रही है। शिकार में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और उनके विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, घटना के बाद अर्जुनी परिक्षेत्र सहित आसपास के परिसरों में गश्त और निगरानी को और अधिक सख्त कर दिया गया है।
