तीन दिन से चल रहे हंगामे का लाठीचार्ज से अंत: ग्रामीणों की ओर से पथराव के बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर खदेड़ा

तीन दिन से चल रहे हंगामे का लाठीचार्ज से अंत : ग्रामीणों की ओर से पथराव के बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर खदेड़ा
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पुलिस ने ग्रामीणों पर किया लाठीचार्ज 

कांकेर जिले के आमाबेड़ा में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को भगाया।

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ कांकेर जिले के आमाबेड़ा में धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफ़नाने को लेकर तीन दिन से बवाल जारी है। बवाल के बीच दोनों तरफ से 5 -5 की टीम बनाकर लोगों से बैठक हुई। एक निर्णय पर पहुंचने के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला गया। लेकिन इसी बीच ग्रामीणों ने चर्च पर आगजनी कर दी और पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को भगाया। इस लाठीचार्ज में एक ग्रामीण का सर फुट गया। भीड़ को तीतर- बीतर करने के लिए प्रशासन ने पूरे आमाबेड़ा इलाके की बिजली बंद कर दी है।

दरसअल, बड़े तेवड़ा गांव के सरपंच द्वारा धर्मांतरित पिता के शव को जबरन गांव में दफन करने को लेकर दो गुटों में जमकर मारपीट हो गई थी। ग्रामीणों को सूचना मिली कि, बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग गांव पहुंचने वाले हैं। जिसके बाद उग्र ग्रामीणों आमाबेड़ा जाने वाले रास्ते में पेड़ काटकर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। ग्रामीण शव को शव को अन्यत्र दफ़नाने की मांग कर रहे थे।

इलाके में भारी पुलिस बल तैनात
मिली जानकारी के अनुसार, बड़े तेवड़ा गांव के सरपंच के पिता ने धर्मांतरण कर लिया था। उनकी मौत के बाद उन्हें दफना दिया गया। जिसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और लाश को कब्र से उखाड़ने की बात कहने लगे। इस मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची। लेकिन उग्र भीड़ शांत होने का नाम नहीं ले रही थी। जिसके बाद दोनों तरफ जमकर झड़प और मारपीट हुई। लोगों ने कब्र को भी ध्वस्त कर दिया। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद हैं।

बीते महीने भी शव दफनाने को लेकर हुआ बवाल
बीते महीने कांकेर विधायक आशाराम नेताम के गृह ग्राम बेवरती में भी धर्मान्तरित महिला के शव दफ़न को लेकर जमकर विवाद हो गया। इस दौरान महिला की मौत के बाद गांव का एक परिवार शव दफ़न की तैयारी कर रहा था। इसी बीच ग्रामीणों ने धर्मान्तरित महिला के शव दफ़न का विरोध किया। परिवार को ग्रामीणों ने घेरा लिया है।

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