कामधेनु विवि.में भवन निर्माण घोटाला: बिल में डेढ़ करोड़ की अफरा-तफरी, जाँच के निर्देश

कामधेनु विवि. में भवन निर्माण घोटाला : बिल में डेढ़ करोड़ की अफरा-तफरी,   जाँच के निर्देश
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कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा में भवन निर्माण में करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। मामले में करीब 3 साल से इस घोटाले की जांच चल रही है।

भिलाई। कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा में भवन निर्माण में करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। मामले में करीब 3 साल से इस घोटाले की जांच चल रही है। इसमें कार्यपालन अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा पहले ही जांच की जा चुकी है, जिसमें 1.54 करोड़ रुपए के घोटाला होने की बात कही गई है। अब कुलपति द्वारा नए सिरे से विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। आदेश के 7 महीने बाद भी जांच अधूरी है। मामले को लेकर और लोक आयुक्त लोग आयोग के सचिव से शिकायत की गई है।

यूनिवर्सिटी द्वारा बिलासपुर वेटनरी कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद बॉयस हॉस्टल, ऑडिटोरियम, गर्ल्स हॉस्टल, टीवीसीसी बिल्डिंग और एफ, जी, एच टाइप के आवासों के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की गई थी। इन कामों के लिए वर्ष 2017 में 15.42 करोड़ रुपए की स्वीकृति ली गई थी। इसमें बॉयस हॉस्टल और ऑडिटोरियएम का काम गौरी कंस्ट्रक्शन को दिया गया, जो करीब 6.46 करोड़ का था। वहीं गर्ल्स हॉस्टल टीवीसीसी बिल्डिंग और आवासों के निर्माण का अशोक केजरीवाल को दिया गया, जो करीब 8.96 करोड़ रुपए का था। जांच के दौरान ही इन दोनों एजेंसियों को काम के अनुसार फाइनल भुगतान भी कर दिया गया। पूरे मामले में सहायक अभियंता उल्लास अरविंद देशमुख को नोटिस किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच जारी है।

50 फीसदी से ज्यादा काम के बाद 10.50 करोड़ का भुगतान
15.42 करोड़ रुपए के इन कामों में दोनों एजेंसियों ने करीब 50 फीसदी ही काम किया। इसके बाद काम छोड़कर भाग गई। दोनों एजेंसियों पर कार्रवाई करने के बजाए उनका फाइनल बिल तैयार किया गया। उन्हें 10.50 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। खास बात यह है कि 2022 में शुरू हुई इस मामले की जांच अब तक जारी है। तीन साल बाद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस मामले की जांच पूरी नहीं कर पाया है।

ईई और एसई की रिपोर्ट, गड़बड़ी कामों की बिलिंग में की गई
इस पूरे मामले में फिलहाल दो स्तर पर पिछले 3 साल में जांच हुई। सबसे पहली रिपोर्ट तत्कालीन ईई रविशंकर कोष्टा ने तैयार की। उन्होंने एमबी बुक के अवलोकन के बाद अलग-अलग कैटेगरी में 1.54 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 1.54 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान दोनों कार्य एजेंसियों को किया गया। इसमें उन्होंने बताया कि बिल की डुप्लीकेसी की गई। क्वांटिटी को बढ़ाकर बताया गया। यानी एसओआर तो तय रहा, लेकिन जितना काम हुआ नहीं, उससे ज्यादा की बिलिंग की गई। टीवीसीसी और ऑडिटोरियम बिल्डिंग के निर्माण के दौरान सबसे ज्यादा फर्जी बिलिंग की गई। एमबी बुक में 33 जगहों पर डुप्लीकेसी के जरिए 1.54 करोड़ की ज्यादा बिलिंग की गई। इसमें तय दरों को वहीं रखा गया, लेकिन माप और क्वांडिटी ज्यादा कर दी गई। यह रिपोर्ट 12 मई 2022 को कुलसचिव को प्रेषित की गई। इसके बाद एक और जांच अधीक्षण अभियंता स्तर पर कराई गई। इस रिपोर्ट में भी अनियमितता के आरोपों को सही बताया गया। यह रिपोर्ट 1 अप्रैल 2025 को सौंपी गई। इसके बाद एक और जांच कुलपति द्वारा कराई जा रही है, जो पिछले करीब 7 महीने से जारी है।

इस बारे में मैं अधिक जानकारी नहीं दे सकता
कामधेनु विश्वविद्याय अंजोरा के कुलपति आरआरबी सिंह ने बताया कि,मैं इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दे सकता। किसने क्या जानकारी दी है, मुझे नहीं पता। बेहतर होगा आप इस बारे में रजिस्ट्रार से बात करें। वो ही इस मामले को देख रहे हैं।

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