संयुक्त संचालक के खिलाफ शिक्षक लामबंद: कमिश्नर- कलेक्टर को सीएम और शिक्षा मंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

संयुक्त संचालक के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा
अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर संभाग के शिक्षा विभाग में ड्रेस कोड के नाम पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक शिक्षक को संयुक्त संचालक शिक्षा ने ड्रेस कोड के नाम से ऑफिस के चैंबर में घुसने नहीं दिया। इस घटना से आक्रोशित पूरे प्रदेश के शिक्षक आंदोलन मोड पर आ गए हैं।
नजारा बस्तर जिले में देखने को मिला। जहां जेडी मुर्दाबाद, जेडी भगाओ बस्तर बचाओ, जेडी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारों के साथ हजारों शिक्षकों ने लामबंद होकर कमिश्नर और कलेक्टर को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद शिक्षक रैली की शक्ल में बस्तर सांसद को मिले और उन्हें भी मांगपत्र दिया। जेडी इससे पहले डीईओ हुआ करते थे, तब भी पूरा शिक्षक समुदाय और सहकर्मी इनसे त्रस्त थे।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि जेडी साहब को अपनी रील बनाकर सोशल मीडिया में डालने का भी चस्का है। वहीं उनके ऑफिस में एक पूर्व डीईओ जो कोंडागांव में फोटो घोटाले का मुख्य आरोपी रहे हैं, उन्हें सहायक संचालक बनाकर उपकृत किया गया है। ऐसे अधिकारी जो लगभग 20 वर्षों से अपनी मूल शालाओं में कभी नहीं गए न ही कभी अध्यापन कार्य करवाया है। और स्कूल जाने के डर से ऐसे पदों पर चाटुकारी कर जमे हुए हैं। शिक्षक साझा मंच ने मांग की है कि इन्हें इनके मूल पद पर वापस भेजें और ऐसे कर्मचारियों को कभी भी प्रतिनियुक्त पर ना भेजें।

पूरे संभाग में भय और आतंक का माहौल
गंभीर आरोप शिक्षक साझा मंच द्वारा सांसद, संभाग आयुक्त और कलेक्टर को मांगपत्र सौंपे गए। जिसमे संयुक्त संचालक शिक्षा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि, संयुक्त संचालक जब से संयुक्त संचालक का कार्यभार ग्रहण किए हैं तब से पूरे संभाग में भय और आतंक का माहौल बनाकर रखे हैं। प्रतिदिन रील और वीडियो ऑडियो के माध्यम से शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।स्पष्टीकरण देने गए प्रधान पाठक प्रकाश नेताम को संयुक्त संचालक ने फटकार लगाकर भगा दिया।
प्रार्थना सभा मे शिक्षकों का बच्चों के सामने अपमान करने का आरोप
किसी भी स्कूल की प्रार्थना सभा में जाकर शिक्षकों को बच्चों के सामने अपमान करके निलंबित करने एवं वेतन वृद्धि रोकने की धमकी देते हैं। शिक्षक डेली डायरी में भी त्रुटि निकाल कर सीधे दो वेतन वृद्धि रोकने या निलंबन की कार्यवाही कर रहे हैं।राज्य शासन द्वारा मध्यान भोजन के लिए दिए जाने वाले चावल को मोटा चावल है कहकर शिक्षकों पर कार्यवाही कर रहे हैं। मध्यन्ह भोजन में जानबूझकर कमी निकलकर शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं और वीडियो बनाकर वायरल करते हैं तथा शिक्षकों के वेतन वृद्धि रोकने एवं निलंबन की कार्रवाई करते हैं।
डीईओ और डीएमसी पर दबाव डालकर कराई जाती सीएससी की पोस्टिंग
शिक्षकों का आरोप है कि, सीएससी के पदोन्नति व्याख्याता पद पर होने के बाद सीएसी के रिक्त पद को संयुक्त संचालक कार्यालय से पोस्टिंग मौखिक रूप से डीईओ और डीएमसी पर दबाव डालकर कराई जाती है। जबकि डीईओ और डीएमसी के प्रस्ताव के द्वारा जिले के कलेक्टर के अनुमोदन के बाद डीईओ को यह कार्य करना होता है। प्राचार्य पदोन्नति काउंसलिंग के बाद पदस्थापित प्राचार्य को संयुक्त संचालक ने एमएलबी क्रमांक 1 में संलग्न कर दिया है।
व्याख्याता पदस्थापना एवं स्थानांतरण का जिम्मा लोक शिक्षण संचालनालय पर है परंतु जेडी ने अपने कार्यालय में दूसरे जिले के व्याख्याता को लाकर सहायक संचालक के पद पर संलग्नीकरण किया है। कांकेर जिले से एक लिपिक का संलग्नीकरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगत सिंह जगदलपुर में किया गया है।
जेडी की कार्यप्रणाली से शिक्षिकाएं भी प्रताड़ित
शिक्षकों का आरोप है कि, जेडी ने विभागके दो चपरासियों को अपने घर में कार्य करने के लिए रखा है। पूर्व संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव द्वारा शाला निरीक्षण में की गई कार्रवाई की फाइल खोल कर समस्त बीईओ को दबाव डालकर शिक्षकों पर कार्यवाही करने का दबाव बनाया जा रहा है। जेडी की कार्यप्रणाली से महिला शिक्षक सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रही हैं। इसी दबाव के चलते शिक्षिका संतोषी बिसाई स्कूल जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई और अपना हाथ गवां बैठी।
