काम से निकाले गए रसोइया और स्वीपर: रोजी- रोटी पर खड़ा हुआ संकट, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

कर्मचारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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कर्मचारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 

जवाहर नवोदय विद्यालय पांडुका के रसोइया और सफाई कर्मियों को अचानक काम से निकाल दिया गया। जिसके बाद से अब उनकी रोजी- रोटी पर संकट आ गया है।

श्यामकिशोर शर्मा- राजिम। दीपावली के बाद से जवाहर नवोदय विद्यालय, पांडुका में कार्यरत रसोइया और सफाई कर्मियों को अचानक काम से निकाल दिए जाने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मंगलवार को प्रभावित कर्मचारियों ने अपनी व्यथा संवाददाता को सुनाई। इन सभी का कहना है कि, कोई चार साल से, कोई तीन या दो साल से विद्यालय में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। अब अचानक कार्य से मुक्त कर दिए जाने से परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है।

निकाले गए पीड़ितों में चोवाराम साहू, टानिक राम साहू, पवन सतनामी, कुंती पटेल, गोपाल सोनकर और छबिलाल चक्रधारी शामिल हैं। सभी ने बिना कारण काम से निकालने का आरोप लगाया है। रसोइया कुंती पटेल ने बताया कि, वह पिछले चार वर्षों से स्वीपर का कार्य कर रही थीं और उसी आय से अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण कर रही थीं। दीपावली के बाद से उन्हें विद्यालय में नहीं बुलाया गया।

काम नहीं होने का दिया हवाला
वहीं पवन सतनामी ने कहा- मैं साढ़े तीन साल से झाड़ू-पोछा का काम कर रहा हूं। मेरी उम्र 53 साल है, अब नया काम कहां मिलेगा? वर्षों तक सेवा देने के बाद अचानक निकाल देना गलत है। कर्मियों के अनुसार, विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य महिमा सिंहा ने यह कहते हुए उन्हें कार्य से मुक्त कर दिया कि, अभी काम नहीं है, जब जरूरत होगी तो बुलाया जाएगा।

कलेक्टर को दिया गया आवेदन
सभी प्रभावित कर्मचारी अपनी शिकायत लेकर जिला कलेक्टर भगवान सिंह उइके के पास गरियाबंद पहुंचे और आवेदन सौंपा। कलेक्टर ने बताया कि, ठेकेदार बदल जाने के कारण पुराने कर्मचारियों को नहीं बुलाया जा रहा है। कर्मियों ने आरोप लगाया कि यह निर्णय अनुचित है और प्रभारी प्राचार्य ने बिना कारण उन्हें हटा दिया है। उन्होंने पुनः काम पर रखने की मांग की है।


12 से 15 घंटे करते थे ड्यूटी
कर्मियों ने बताया कि वे रोजाना 12 से 15 घंटे तक काम करते थे। चोवाराम साहू ने कहा- सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक काम करते थे। किसी भी तरह का काम दिया जाता था, हम करते थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि काम के दौरान उन्हें गालियां दी जाती थीं और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था, फिर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई।

प्राचार्य और प्रशासन से संपर्क नहीं हो सका
इस पूरे मामले पर जिला कलेक्टर भगवान सिंह उइके से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बातचीत नहीं हो सकी।वहीं जवाहर नवोदय विद्यालय, पांडुका की प्रभारी प्राचार्य महिमा सिंहा से भी बात करने का प्रयास किया गया। उन्होंने फोन तो रिसीव किया, परंतु अधिक शोरगुल होने के कारण वार्तालाप संभव नहीं हो पाया। बाद में उन्होंने कॉल बैक भी नहीं किया।

कर्मियों की मांग, हमें पुनः नियुक्त किया जाए
प्रभावित कर्मियों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उन्हें पुनः कार्य पर रखा जाए ताकि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधर सके। उनका कहना है कि, लंबे समय से सेवा देने वाले कर्मचारियों को अचानक हटाना मानवीय दृष्टि से भी अनुचित है।

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