धान की फसल पर माहो का कहर: जशपुर के किसानों की उड़ी नींद, पैदावार पर मंडराया खतरा

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फसल पर माहो

जशपुर जिले में धान की फसल पर माहो कीट का प्रकोप बढ़ गया है। किसानों को भारी नुकसान की आशंका है, वहीं कृषि विभाग ने निगरानी और जागरूकता अभियान तेज कर दिया है।

अजय सूर्यवंशी - जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में इन दिनों धान की फसल पर माहो (कीट) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इन कीटों के हमले से फसल की बालियां और पत्तियां कमजोर पड़ रही हैं, जिससे पौधे सूखने लगे हैं और पैदावार पर असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।

बदलते मौसम और उमस से बढ़ा प्रकोप
किसानों का कहना है कि लगातार बदलते मौसम और उमस भरे वातावरण के कारण माहो तेजी से फैल रहा है। कई किसानों ने कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया है, लेकिन अब तक कोई खास राहत नहीं मिल सकी है।

1.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में असर
इस वर्ष जिले में करीब 1 लाख 54 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की गई है, जिसमें से अधिकांश खेतों में माहो का प्रभाव देखा जा रहा है। कई गांवों में किसानों को फसल सूखने की चिंता सताने लगी है।

किसानों की मांग - मिले दवाई और सहयोग
किसानों ने कृषि विभाग से प्रभावी उपचार और सहायता की मांग की है ताकि फसल को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने शासन-प्रशासन से समय पर दवाइयां उपलब्ध कराने और जागरूकता शिविर लगाने की भी अपील की है। किसान 'यदु बाज' का कहना है कि, इस साल लगा था धान बेहत अच्छा होगा लेकिन अब माहो पकड़ने पर दिन में दो-तीन बार दवाई छिड़कने पर भी बिमारी दूर नहीं हो रही, यहाँ तक की कृषि विभाग द्वारा सही उपचार न हो पाने पर इस साल खेती तीस प्रतिशत तक घाटे में है।

कृषि विभाग की निगरानी जारी
कृषि विस्तार अधिकारी 'जीवन एक्का' ने बताया कि इस वर्ष धान की फसलों में माहू का प्रकोप देखा जा रहा है। कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं, और किसानों को अच्छी क्वालिटी की दवाओं के छिड़काव की जानकारी दी जा रही है।

जल्द कार्रवाई जरूरी
जिले के किसानों की मेहनत पर माहो का संकट गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते प्रभावी नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, तो धान की पैदावार पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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