जशपुर जिले में पत्रकारों की बैठक: अफसरों के रवैये के खिलाफ सीएम को ज्ञापन सौंपने का निर्णय

पत्रकारों की सामूहिक तस्वीर
मयंक शर्मा कोतबा-जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्रकार मुकेश नायक को अपने नवजात शिशु के शव को घर ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। इस बात को लेकर पत्रकारों में नाराजगी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को कुनकुरी में पत्रकारों की जिला स्तरीय आपात बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले के सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया से जुड़े पत्रकार मौजूद रहे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम एक विस्तृत ज्ञापन भेजा जाएगा। ज्ञापन में इन मांगों को शामिल किया गया है।

ज्ञापन में क्या लिखा गया
पत्रकार मुकेश नायक के साथ हुए व्यवहार की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच। गलत जानकारी प्रसारित करने वाले तथा संवेदनहीन रवैया अपनाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई। शासन की छवि खराब करने वाले अधिकारियों को जशपुर जिले से हटाया जाए। स्वास्थ्य सेवाओं और मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए।
पत्रकारों को डराने का किया गया प्रयास
इस संवेदनशील मामले को उठाए जाने के बाद विभागों की प्रतिक्रिया और भी विचलित करने वाली रही। जिम्मेदारी स्वीकारने और समस्या का समाधान ढूंढने की बजाय कई विभागों ने नोटिस, कानूनी कार्रवाई की धमकियों का रास्ता अपना लिया। खबरों पर तुरंत खंडन जारी कर पत्रकारों को डराने का प्रयास किया गया, जैसे सच को दबाना ही समाधान हो। इसी गैर-जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ जिले के पत्रकार एकजुट हो गए हैं।

बैठक में इनकी रही उपस्थित
वरिष्ठ पत्रकार विष्णु नारायण जोशी, विनोद शर्मा, रविन्द्र थवाईत, संतोष चौधरी, राजेश पांडेय, विकास पांडे, दीपक वर्मा, प्रदीप तिग्गा, नवीन ओझा, दीपक सिंह, संजीत यादव, प्रियल जिंदल, सागर जोशी, कुंदन सिंह, शैलेन्द्र चिंतानवीस, एजाज खान, धवलेश्वर सिंह, मयंक शर्मा, तरुण शर्मा, सुनील सिन्हा, निरंजन मोहंती, रुद्रदामन पाठक, नीतीश यादव, राजेश राम भगत, मुकेश नायक, सोनू जायसवाल सहित अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।वहीं इस मामले पर विजय त्रिपाठी, रमेश शर्मा, प्रशांत सहाय, योगेश थवाईत, सुरेन्द्र चेतवानी, शिव प्रताप सिंह, मिथलेश साहू, श्याम चौहान के नाम शामिल हैं।
