सहकारी समिति कर्मी काम पर लौटे: कलेक्टर को सौंपा सहमति पत्र, अब सुचारू रूप से चलेगी धान खरीदी

कलेक्टर को पत्र सौंपते हुए
मुकेश बैस- जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में धान खरीदी व्यवस्था को लेकर चल रहा गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है। लंबे समय से हड़ताल पर बैठे सहकारी समिति के कर्मचारी प्रशासनिक पहल के बाद सोमवार को काम पर लौट आए। कर्मचारियों के काम पर लौटने से अब जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया फिर से सुचारू रूप से संचालित हो सकेगी।
सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने कलेक्टर जन्मेजय महोबे को औपचारिक रूप से काम पर वापसी का पत्र सौंपकर अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। बता दें कि, संघ के कर्मचारी 3 नवंबर से हड़ताल पर थे। जिसके चलते धान खरीदी कार्य प्रभावित हो रहा था और प्रशासन को अन्य विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी पड़ी थी।

कर्मचारियों की वापसी से किसानों को मिलेगी राहत
इस बीच शासन ने स्थिति को देखते हुए एस्मा लागू कर दिया था। प्रशासनिक स्तर पर लगातार हो रही बातचीत और समाधान की पहल के बाद संघ ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। कर्मचारियों की वापसी के साथ ही अब किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है और खरीदी केंद्रों में गतिविधियाँ सामान्य होने लगी हैं।

धान खरीदी में लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही
वहीं समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बीच बेमेतरा जिले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। हड़ताल पर गए कर्मचारियों के काम पर वापस नहीं लौटने पर प्राधिकृत अध्यक्षों ने किसान हित में सख्त कदम उठाते हुए 6 सहकारी समितियों के कुल 23 कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया है।

आगे और लोगों पर हो सकती है कार्यवाही
यह कार्रवाई कंटेली, बीजभाट, जिया, कुसुमी, मोहतरा और लोलेसरा समितियों के कर्मचारियों पर की गई है। जिनके लगातार अनुपस्थित रहने से खरीदी कार्य प्रभावित हो रहा था। प्रशासन का कहना है कि, किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए यह निर्णय अनिवार्य हो गया था। जानकारी के अनुसार, यदि हड़ताल पर गए अन्य कर्मचारी भी वापस नहीं लौटते हैं, तो आगे और नामों पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
