शिक्षक दिवस पर विशेष: मनीष अहीर ने शिक्षा में नवाचार को दी नई दिशा, विज्ञान समझाने के लिए कबाड़ से जुगाड़ विधियों का उपयोग

शिक्षक मनीष अहीर ने ग्रामीण परिवेश की चुनौतियों को स्वीकार कर शिक्षा को एक नई दिशा दी।
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शिक्षक मनीष अहीर को किया गया था सम्मानित 

शिक्षक मनीष अहीर ने ग्रामीण परिवेश की चुनौतियों को स्वीकार कर शिक्षा को एक नई दिशा दी। बच्चों को समझाने के लिए TLM विज्ञान मॉडल का उपयोग किया।

अनिल सामंत- जगदलपुर। शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण, नवाचार और निरंतरता के प्रतीक व्याख्याता मनीष कुमार अहीर,व र्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़े मुरमा में कार्यरत हैं। उनका शैक्षणिक जीवन 16 जून 2009 से प्रारंभ हुआ,जब उनकी प्रथम नियुक्ति कबीरधाम जिले के लोहारा विकासखंड अंतर्गत सिंघनगढ़ के एक ग्रामीण विद्यालय में हुई। ग्रामीण परिवेश की चुनौतियों को स्वीकार कर उन्होंने शिक्षा को अपने समर्पण और नवाचार से एक नई दिशा दी।

विज्ञान विषय में विशेष रुचि होने के कारण अहीर ने बच्चों को सरल और रोचक तरीके से विज्ञान समझाने के लिए टीएलएम विज्ञान मॉडल एवं कबाड़ से जुगाड़ विधियों का उपयोग किया। इसी नवाचारपूर्ण कार्य के लिए उन्हें समग्र शिक्षा द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'चर्चा पत्र' में नवाचारी शिक्षक सम्मान प्राप्त हुआ। वर्ष 2016 से अहीर बड़े मुरमा विद्यालय में कार्यरत हैं। यहां आने के बाद उन्होंने विद्यालय का वातावरण बदलने और बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने के लिए लगातार कबाड़ से जुगाड़, विज्ञान मॉडल, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, राज्य विज्ञान मेला, इंस्पायर अवार्ड, विज्ञान पहेली एवं अन्य गतिविधियों में विद्यालय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इको क्लब प्रभारी के रूप में अहीर ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा और कांगेर घाटी नेशनल पार्क की जैव विविधता के संरक्षण में सक्रिय योगदान दिया।


शिक्षक अहीर की विशेष उपलब्धियां
वर्ष 2015 में कवर्धा में उत्कृष्ट बोर्ड परीक्षा परिणाम के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। एनसीआरटी भोपाल द्वारा विज्ञान किट प्रशिक्षण में सहभागिता। विज्ञान प्रसार,नई दिल्ली द्वारा आयोजित शाला सुरक्षा प्रशिक्षण में बस्तर की ओर से प्रतिनिधित्व किया।आईआईटी गांधीनगर, गुजरात में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ विज्ञान केंद्र रायपुर में ओजोन दिवस पर व्याख्यान के लिए आमंत्रण।कांगेर घाटी नेशनल पार्क एवं पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा उत्कृष्ट इको क्लब कार्य के लिए सम्मानित किये गए। पूर्व सीएम भूपेश बघेल एवं वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष विज्ञान मॉडलों का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर शाबासी बटोरी। एनसीआरटी भोपाल द्वारा आयोजित डिप्लोमा इन साइंस एजुकेशन 2024-25 में बस्तर की ओर से सहभागिता एवं लघु शोध पत्र सम्मिलित।

लगातार 9 वर्षों का कार्यकाल रहा उत्कृष्ट
लगातार 9 वर्षों से विद्यालय का कक्षा 10 वीं एवं 12वीं का परीक्षा परिणाम गुरुजी अहीर के प्रयास से उत्कृष्ट रहा। विद्यालय में बच्चों के करियर काउंसलिंग तथा निर्धन छात्र-छात्राओं को फीस एवं पुस्तक कॉपी में भी सहयोग दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में संचालित विभिन्न विज्ञान गतिविधि समूह, जैसे- नवाचारी समूह भारत, प्रकृति शिक्षक विज्ञान यात्रा, विज्ञान सभा रायपुर, प्रज्ञान विज्ञान क्लब, जगदलपुर जिला पीअलसी के साथ मिलकर विज्ञान शिक्षण को आगे ले जा रहे हैं।

कोरोना काल में बच्चों को दी ऑनलाइन शिक्षा
कोरोना काल में भी अहीर ने ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों की पढ़ाई को सुचारू रखा। बोर्ड परीक्षा प्रभारी एवं विज्ञान गतिविधियों के मार्गदर्शक के रूप में उनका योगदान अनुकरणीय रहा है। नवाचार, समर्पण और सादगी के साथ शिक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाले व्याख्याता मनीष कुमार अहीर, बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत है। आगे उन्होंने कहा कि भविष्य की योजना है कि बस्तर के छात्रों का एक समूह इसरो केंद्र का भ्रमण कर पाए तो यह हमारे बस्तर के लिए एक बड़ी प्रेरणादायक बात होगी।

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