गलगम-करेकुटटा गांव तक बनेगी सड़क: 8 दिन में वन विभाग से मिली स्वीकृति, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

सड़क के लिए नाप लेते हुए अधिकारी
महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले अंतर्गत पामेड़ क्षेत्र का गलगम-करेकुटटा गांव एक सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जहां आज भी लोग सड़क के बजाय कच्ची पगडंडियों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
दरअसल, सड़क न होने के कारण विकास कार्य बाधित हो रहे हैं और ग्रामीण आवागमन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गलगम जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण जैसी विकास परियोजनाओं को नक्सलवाद के कारण पूरा करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह अक्सर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच टकराव का केंद्र बन गया है।

स्वीकृति के लिए 2 अक्टूबर को दिया गया था आवेदन
इस गांव के ग्रामीणों और सुरक्षा बलों की सुविधा के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से गलगम-करेकुटटा गांव तक साढ़े तीन किमी 8 करोड़ रूपए की लागत से सड़क का निर्माण करेगा। यह गांव वन क्षेत्र होने के चलते वन विभाग को स्वीकृति के लिए 2 अक्टूबर को आवेदन दिया गया था, जिसे सीसीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आवेदन के 8 दिन में यानि 10 अक्टूबर को ही स्वीकृत करवाया।

सड़क के लिए 8 दिन में दी स्वीकृति
बताया जा रहा है कि, साढ़े तीन किमी में लगभग 500 छोटे-बड़े वृक्षों के क्षतिपूति के लिए डेढ करोड़ रूपए का डिमांडनोट पीडब्ल्यूडी को दिया, जिसे विभाग ने वन विभाग को भुगतान कर दिया है। वन विभाग जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार तिवारी ने इस संबंध में बताया कि उक्त अंदरूनी क्षेत्र होने एवं ग्रामीणों की सुविधा को ध्यान में रखकर सड़क के लिए 8 दिन में स्वीकृति दी गई।

ग्रामीणों को पगडंडी से मिलेगा छुटकारा
लोक निर्माण विभाग जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता एमएल उरांव ने बताया कि, पीडब्ल्यूडी की ओर से शीघ्र ही साढ़े तीन किमी तक सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इससे गलगम, करेकुटटा, कोत्तापल्ली गांव के ग्रामीणों को आवागमन के लिए पगडंडी से छुटकारा मिलेगा।

