रावघाट से जगदलपुर रेल लाइन निर्माण शीघ्र प्रारंभ: सात दशकों का इंतजार होगा समाप्त, लोगों ने जताया प्रशासन का आभार

रावघाट से जगदलपुर रेल लाइन
अनिल सामंत- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर की धरती अब विकास की नई पटरियों पर कदम रखने जा रही है। लगभग पांच दशक पुरानी दल्ली राजहरा–जगदलपुर रेल लाइन की मांग अब पूरी होने की ओर अग्रसर है। 240 किलोमीटर लंबी इस ऐतिहासिक रेल परियोजना ने अब नया मोड़ ले लिया है, जिससे बस्तरवासियों के चेहरे पर उम्मीद की नई चमक लौट आई है।
पहले चरण में दल्ली- राजहरा से रावघाट तक रेल निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और जल्द ही इंजन की सीटी इस रास्ते में गूंजेगी। वहीं दूसरे चरण रावघाट से जगदलपुर तक 140 किलोमीटर नई रेल लाइन निर्माण के लिए रेल मंत्रालय ने 3,200 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस महत्वाकांक्षी कार्य को अंजाम देने की जिम्मेदारी मेसर्स मोनार्क सर्वेयर्स एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स लिमिटेड, पुणे को सौंपी गई है। एजेंसी द्वारा भूमि अधिग्रहण, जियोटेक जांच, ड्रोन-लिडार सर्वेक्षण, डीजीपीएस और टोटल स्टेशन सर्वे जैसे अत्याधुनिक कार्य किए जाएंगे।
अंतागढ़ से जगदलपुर तक की थी पदयात्रा
यह वही रेल लाइन है, जिसके लिए बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े सैकड़ों लोगों ने अंतागढ़ से जगदलपुर तक 140 किलोमीटर पदयात्रा की थी। वर्तमान सांसद महेश कश्यप ने भी संसद में लगातार प्रश्न उठाकर रेलमंत्री का ध्यानाकर्षण कराया था। अब जब बस्तर की पटरियों पर उम्मीदों की ट्रेन दौड़ने को तैयार है,तो हर बस्तरवासी गर्व से कह सकता है। हमारा बस्तर अब सचमुच जुड़ रहा है भारत से,पटरियों के संग, प्रगति के संग।

दशकों पुराने मांग अब रंग लाई
बस्तर में यात्री रेल सुविधा को लेकर 5 दशक से संघर्ष करने वाले बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष पुखराज बोथरा ने कहा यह हर्ष का विषय है,कि बस्तरवासियों की 7 दशक पुरानी रेल लाइन का कार्य अब रंग लाई। मैं बस्तरवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं बस्तर सांसद महेश कश्यप को बधाई देता हूं। साथ ही यह भी उम्मीद करता हु कि रेल लाइन का कार्य पूर्व की भांति कागजो तक ही न सिमट जाए, बल्कि इसका लगातार मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। बोथरा ने कहा हमारी मांग है नवम्बर को प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन की आधारशिला अपने हाथों से रखे।
लोगों ने जताई ख़ुशी
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष एवं बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े बड़ा आदिवासी चेहरा दशरथ कश्यप ने कहा कि, हम बस्तरवासियों की अंतागढ़ से जगदलपुर तक 140 किमी की पदयात्रा अब जाकर सार्थक होने की उम्मीद नजर आ रही है। हरिभूमि के माध्यम से इस रेल लाइन निर्माण के लिए कम्पनी को काम सौपने की जानकारी के बाद मन मे अत्यंत खुशी हो रही है। देश के आजादी के बाद बस्तरवासियों को जगदलपुर से रायपुर तक रेल सफर करने का अवसर मिलेगा। इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, मुख्यमंत्री, बस्तर सांसद महेश कश्यप का आभार। किंतु बस्तर सांसद से यह मांग है कि, वे इस रेल लाइन निर्माण को अपने निगरानी में लेकर लगातार पहल कर। साथ ही पूरी जानकारी मीडिया के माध्यम से सावर्जनिक करने की आवश्यकता है।
बस्तरवासियों का सपना हुआ पूरा
बस्तर में यात्री रेल सुविधा को लेकर लंबे समय से संघर्ष करने वाले वरिष्ठ नागरिक संतोष जैन ने कहा बस्तरवासियों का रेल सपना अब पूरा होगा। बस्तरवासियों की मांग है,कि इस बहुप्रतीक्षित रेल लाइन निर्माण का कार्य जगदलपुर की तरफ से प्रारम्भ हो। जिस दिन लाइन निर्माण की आधारशिला रखी नही रखा जाता तब तक हमे विश्वास नही होगा कि लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ होगा। जैन ने कहा हरिभूमि के माध्यम से हमे यह सुखद जानकारी मिली कि इस रेल लाइन निर्माण के लिए पुणे की किसी कंपनी को सौपा गया है। कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारी एवं समूचा स्टाफ जगदलपुर पहुंच केम्प करे और लाइन बिछाने का कार्य प्राम्भ करे। बस्तर सांसद महेश कश्यप से भी आग्रह है कि, वे कम्पनी को शीघ्र जगदलपुर आमंत्रित कर अधोसंरचना का कार्य शीघ्र प्राम्भ करने अपनी महती भूमिका दे। वैसे भी सांसद कश्यप इस रेल लाइन कार्य के लिए लगातार संसद में अपनी आवाज बुलंद की। नतीजा है,कि रेल मंत्रालय को 3200 करोड़ लाइन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। जैन ने कहा इस रेल लाइन के लिए समूचे बस्तरवासियों का प्रयास रंग लाया है।
सात दशकों की मांग हुई पूर्ण
बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ सदस्य किशोर पारख ने कहा कि, सात दशकों से मांग कर रहे बस्तर वासियों के लिए ये खबर सुकून वाली है कि रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन का काम शीघ्र प्रारम्भ होगा। हम बस्तरवासी चाहते है कि सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर जल्द से जल्द कार्य प्रारम्भ हो।अब जबकि बस्तर का पूरा परिदृश्य बदल रहा है,शांति स्थापित हो रही है तब जरुरी है कि विकास की सभी सम्भावनाओं को प्राथमिकता दी जाये l रेल किसी भी क्षेत्र के विकास की पहली शर्त है।
प्रशासन का स्थानीय लोगों ने जताया आभार
बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ सदस्य सम्प्पत झा को जब हरिभूमि ने इस रेल लाइन के निर्माण की जानकारी देने के बाद सहसा उन्हें विश्वास नही हुआ। चूंकि 4 वर्षो से लगातार इस महत्वकांक्षी रेल लाइन निर्माण को लेकर झा समूचे बस्तरवासियों को एकसूत्र में पिरुने के लिए जुटे रहे। बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स सभागार में लगातार बैठकों में सभी समाज,संगठन,व्यवसायिक संगठन,बीपीएस एवं अन्य माध्यमो से प्रयास करते रहे। सम्प्पत ने कहा बस्तरवासियों की सात दशक से ज्यादा पुरानी मांग पूरी हुई है और केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल मार्ग के निर्माण को स्वीकृति दीं। संघर्ष में आगे रहने वाले सभी साथियों को उन्होंने बधाई दी। साथ ही इस उपलब्धि के लिये प्रधान मंत्री, रेलमंत्री, मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व विधायक, वनमंत्री, बस्तर सांसद, पूर्व विधायक व सभी जन प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। झा ने कहा रेललाइन के लिये 7 दशक से लड़ी लंबी लड़ाई के सभी माननीयों का आभार। बस्तर रेल आंदोलन के बैनर तले पिछले 4 वर्षों से सहयोग देने वालों को, पदयात्रा के दौरान अंतागढ़,नारायणपुर,कोंडागांव,भानपुरी,बस्तर व समस्त पंचायत के सदस्यों का आभार सरकार से आग्रह है की द्रुत गति से कार्य आरम्भ करवाए।
