जगदलपुर में योग क्रांति की शुरुआत: 25 दिवसीय पतंजलि योग प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

25 दिवसीय पतंजलि योग प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
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जगदलपुर में योग प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

जगदलपुर में पतंजलि योगपीठ द्वारा 25 दिवसीय सहयोग प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य योग शिक्षक तैयार कर समाज में स्वास्थ्य, संतुलन और सेवा की भावना फैलाना है।

अनिल सामंत - जगदलपुर। योग और आयुर्वेद की पवित्र परंपरा अब बस्तर के द्वार तक पहुंच गई है। पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार द्वारा आयोजित 25 दिवसीय सहयोग प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ आज जलाराम मंदिर सभागार में विधिवत रूप से किया गया। यह शिविर 5 नवंबर से 29 नवंबर तक चलेगा, जिसमें प्रतिभागी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से भाग ले सकते हैं।

योग शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर
इस विशेष प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं, गृहिणियों, विद्यार्थियों और समाजसेवियों को प्रमाणित योग शिक्षक बनाना है। पतंजलि योगपीठ के संन्यासी और विषय विशेषज्ञ यहां योगासन, प्राणायाम, योगदर्शन, गीता, उपनिषद, आयुर्वेद, पंचकर्म और प्राकृतिक चिकित्सा पर गहन प्रशिक्षण देंगे। शिविर पूर्ण होने के बाद पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जो रोजगार और स्वरोजगार दोनों में सहायक होगा।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से सहभागिता
शिविर के पहले दिन बड़ी संख्या में योग साधक उपस्थित हुए। साथ ही ऑनलाइन माध्यम से बस्तर, छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों और अन्य राज्यों के प्रतिभागियों ने भी सहभागिता की। पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी मनोज चंद्रा ने सत्र का संचालन करते हुए कहा कि, यह समय है योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का। योग तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने का श्रेष्ठ साधन है। इस अवसर का लाभ लेकर हम स्वयं स्वस्थ रहकर दूसरों को भी आयुर्वेद और योग की अनमोल शिक्षा दे सकते हैं।

10 नवंबर तक कराएं पंजीकरण
शिविर में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 नवंबर रखी गई है। इच्छुक अभ्यर्थी 9424254577 या 9340758910 पर संपर्क कर सकते हैं। यह प्रमाणित योग शिक्षक प्रशिक्षण न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि प्रतिभागियों को आगे मुख्य योग प्रशिक्षक के रूप में उन्नति का अवसर भी देता है।

स्वस्थ समाज की ओर एक सशक्त कदम
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के आशीर्वाद से प्रारंभ हुई यह आध्यात्मिक और वैज्ञानिक साधना बस्तर में “स्वस्थ भारत, सशक्त समाज” की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। इस शिविर के माध्यम से बस्तर में न केवल योग संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य, संतुलन और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी प्रेरणा प्राप्त होगी।

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