भूरा माहो की चपेट में आईं धान की फसलें: पैरा में बदल रही खड़ी फसल, एक के बाद एक कीट प्रकोप से किसान परेशान

भूरा महू की चपेट में आईं धान की फसलें : पैरा में बदल रही खड़ी फसल, एक के बाद एक कीट प्रकोप से किसान परेशान
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धान की फसल में लग रहे कीड़ें

धान की फसल में इन दिनों भूरा माहो का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, जिससे किसान परेशान हैं। भूरा माहू के प्रकोप से खड़ी फसल पैरा में बदल रहा है।

अनिल सामंत- जगदलपुर। धान की फसल में इन दिनों भूरा माहो का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, जिससे किसान परेशान हैं। भूरा माहो के प्रकोप से खड़ी फसल पैरा में बदल रहा है। किसान कीटनाशक दुकानदारों से सलाह लेकर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। लेकिन मौसम में बदलाव के कारण दवा का खास असर नहीं पड़ रहा है। इस सीजन में अच्छी बारिश होने के कारण धान की फसल अच्छी पर एक के बाद एक कीट प्रकोप से किसान परेशान हैं।

बकावण्ड ब्लाक के ग्राम कोर्टा ब्लॉक के किसान सौरभ दुबे, रामचन्द्र, अनिल, नरहरि, दुर्जन, वनवासी, पुनऊ ग्राम डाबगुड़ा के नरसिंग, चैतू, रूपसिंग और दामू ने बताया कि धान की फसल में इस समय भूरा माह का प्रकोप है, जिससे फसल को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि भूरा माहू के साथ-साथ ब्लास्ट के कारण धान के पौधे मरने लगे हैं, जबकि इस समय अधिकतर किस्म के धान में बालियां निकल रही है, ऐसे में समय में पौधे को नुकसान पहुंचने से उत्पादन प्रभावित होगा।

कई तरह की दवाओं से भ्रमित हो रहे किसान
ग्रामीण क्षेत्र में जगह-जगह कीटनाशक दुकान हैं, उनमें अलग-अलग तरह की कीटनाशक उपलब्ध है। किसान सीधे धान के पौधे लेकर दुकान पहुंच रहे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में जो दुकानदार दवा देता है, उसे ही छिड़काव कर रहे हैं। कई बार कीटनाशक काम करता है तो किसान को राहत मिलती है, लेकिन कई बार काम नहीं करने से दोबारा खरीदी करना पड़ता है, जिससे किसान को आर्थिक बोझ बढ़ता है।

दवाओं का समय पर करें छिड़काव
कृषि उप संचालक राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि, पाइमेट्रोजिन 50 प्रतिशत (बीपीएच सुपर): यह भूरे माहू को नियंत्रित करने के लिए एक भरोसेमंद और प्रभावी दवा है। डाइनोटफ्यूरान 20 प्रतिशत सजी यह भी माहो को नियंत्रित करने वाला एक शक्तिशाली तत्व है। बीपीएच सुपर प्लस: इसमें डाइनोटफ्यूरान 15% और पाइमेट्रोजन 45 प्रतिशतका मिश्रण होता है। बीपीएमसी यह एक संपर्क और वेपर-आधारित दवा है, जिसे रेत में मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शाम के समय छिड़काव करना बेहतर होता है।कीटनाशक को पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें। बीपीएमसी जैसी दवाओं को रेत में मिलाकर पौधों की जड़ों के पास छींट सकते हैं, जो धीरे-धीरे गैस के माध्यम से माहू को मारती है।

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