मतांतरित परिवार ने की घर वापसी: पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार के बीच पुन: सनातन धर्म को अपनाया

मतांतरित परिवार ने की हिंदू धर्म में वापसी
अनिल सामंत- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर विकासखंड के ग्राम चितापदर में दो व्यक्तियों ने ईसाई धर्म छोड़कर घर वापसी की है। इन दोनों व्यक्तियों में सुबाय बघेल और वीरेंद्र बघेल ने लगभग 18 वर्ष बाद अपने मूल सनातन धर्म और परंपरागत रीति-रिवाजों में पुनः घर वापसी की है। यह धार्मिक अनुष्ठान कचरा पाठी परगना के मार्गदर्शन में समाज की पारंपरिक विधि-विधान से संपन्न हुआ। इस दौरान मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई और समाजजनों ने उन्हें पुनः अपने धार्मिक समुदाय में स्वीकार किया।
इस अवसर पर कचरा पाठी परगना अध्यक्ष धनुर्जय बघेल ने कहा कि, यह केवल दो व्यक्तियों की घर वापसी नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। आज जब पश्चिमी प्रभाव और मतांतरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे में समाज को अपने मूल और परंपरा की ओर लौटना अत्यंत आवश्यक है। कचरा पाठी परगना संरक्षक प्रेम चालकी ने कहा हमारे पूर्वजों ने सदैव सत्य, अहिंसा और सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों पर जीवन जिया है। आज जो लोग पुनः अपने धर्म में लौट रहे हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। हमें अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट रहना होगा।
आकाश कश्यप ने मूल धर्म में लौटने की अपील
जिला उपाध्यक्ष आकाश कश्यप ने कहा कि, समाज के कुछ लोग अपनी परंपरा और संस्कृति से विमुख होकर अन्य मतों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिससे हमारी संस्कृति और रीति-रिवाजों पर खतरा उत्पन्न हो रहा है। समाज के सभी बंधुओं से आग्रह करता हूँ कि अपने पूर्वजों की परंपरा, देवी-देवताओं और संस्कृति को अपनाकर अपने मूल धर्म में लौटें। यही हमारी आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व की रक्षा का मार्ग है।
ये वरिष्ठ लोग रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में कचरा पाठी परगना अध्यक्ष धनुजय बघेल, संरक्षक प्रेम चालकी तथा समाज के वरिष्ठ सदस्य संपत, धबलु, मदन, सुरेंद्र, लक्ष्मण बघेल, शियारी लाल, तुला कश्यप, रामदेव, बैधराज, लखन बघेल, नारायण और शामु उपस्थित रहे। इसके साथ ही भूतपूर्व संभाग अध्यक्ष विनय सोना, संभाग उपाध्यक्ष प्रकाश नागेश, जिला उपाध्यक्ष आकाश कश्यप, विहिप पूर्व जिला अध्यक्ष लखिधर बघेल, अमल बैस, मनोरथ चालकी सहित समाज के अनेक वरिष्ठ एवं कनिष्ठ सदस्य भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
