बस्तरिया राज मोर्चा के संयोजक का भड़काऊ बयान: युवा समाजसेवी संजय सोड़ी बोले- बस्तर में सभी वर्गों का सम्मान, यही हमारा मूल स्वरुप

बस्तरिया राज मोर्चा के संयोजक संजय सोड़ी
लीलाधर राठी- सुकमा। बस्तरिया राज मोर्चा के संयोजक संजय सोड़ी के भड़काऊ बयान पर युवा समाजसेवी संजय सोड़ी ने कहा कि, बस्तर के आदिवासियों के लिए बड़ी मुश्किलों का दौर चल रहा है। एक ओर सरकार नक्सल मुक्त बस्तर की ओर अग्रेषित है। वहीं दूसरी ओर राजनितिक लाभ के लिए सामाजिक भेदभाव, वर्गीकरण, धर्मान्तरण जैसे मामलो को बढ़वा देने का प्रयास राजनैतिक दलों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से बड़े जोर शोर से किया जा रहा है, जो बस्तर के लिए बड़ी दुर्भाग्य की बात है। बस्तर में भेदभाव नकारात्मक विचारों के लिए कोई स्थान नहीं है। बस्तर के मूल स्वभाव को बदलने का प्रयास सचेत रहने की आवश्कता।
श्री सोड़ी ने कहा कि, बस्तरिया राज मोर्चा के संयोजक का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ समाजों को टारगेट कर बस्तर का वातावरण दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को भड़काना व उकसाने जैसे गतिविधियों से जनप्रतिनिधियों को बचना चाहिए। हाल ही में कांकेर की घटना, पडोसी राज्य ओड़िसा की घटना का वातावरण शांत हुआ नहीं इस बिच ऐसे भड़काऊ भाषण छोटी चिंगारी मे हवा देने जैसा है। कोई व्यक्तिविशेष अपराधी है या अपराध करता है तो उस व्यक्ति के ऊपर आरोप लगे ना की सभी समाज को कटघरे मे खड़ा करे। सामाजिक धार्मिक टिप्पणी से बचे स्थानीय जनप्रतिनिधि।
भड़काऊ भाषण पर आपत्ति दर्ज़ करवाएं युवा
संजय सोड़ी ने समाज को ध्यान आकर्षित करते हुए कहा बस्तर के आदिवासी समाज, मुलवासी समाज को ऐसे भ्रमित व भड़काऊ भाषण पर आपत्ति दर्ज़ करना चाहिए। क्यूंकि, उस कार्यक्रम मे बस्तर के मूल समाजो के नाम व संभागीय अध्यक्षो का नाम का जिक्र व समर्थन की बात की गई और वही दूसरी ओर अन्य समाजो के व्यक्तियों को भागने व बाहरी शब्दों का प्रयोग किया गया. ऐसे शब्द युवाओं मे सामाजिक भेदभाव, सामाजिक विभाजन के लिए प्रेरित करता है।
समाज को गुमराह और भ्रमित होने से बचाएं
सामाजिक दृष्टिकोण को ध्यान मे रखते हुए सोड़ी ने कहा हर व्यक्ति को विशेष अधिकार किसी भी राजनितिक दल का विचारों का समर्थन करना व स्वयं का निजी विवेक होता है। सामाजिक पद की गरिमा को देखते हुए राजनीतिक मंच को साझा करते समय सामाजिक और राजनीतिक मंच की गरिमा को बनाए रखें। समाज के पदों का उपयोग राजनीतिक मंच से लिया जा रहा है जो समाज के हित मे नहीं है। समाज को गुमराह व भ्रमित होने से बचाए। समाज के अध्यक्षो का नाम का उपयोग व सहयोग सामाजिक कार्यों मे हो ना की राजनीती दलों की इस पर सर्व समाज को ध्यान आकर्षित करने की आवश्कता है। सुकमा जिला के मूल वासियों व युवाओं की आर्थिक परिस्थितियों के लिए हम और स्थानीय जनप्रतिनिधि जिम्मेदार है। इसमें अन्य समाजों को दोष देना गलत है।
फुट डालो और राज करो यही है राजनितिक दलों की मुख्य सोच
श्री सोड़ी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि, युवा-साथियों को कुछ सीखना है तो अन्य समाजों से व्यापार करना सीखे। स्वयं को आत्मनिर्भर बनना सीखें, अपने समाज को जागरूक करें। राजनैतिक सामाजिक विचारों मे अपना मत प्रकट करें। राजनीतिक दल राजनीति रोटी सेकने के लिए समाज मे फुट डालने का प्रयास करता है। फुट डालो और राज करो हम युवाओं को सही-गलत का फर्क को समझना है।
