सहायक शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी: कार्रवाई के आदेश के बावजूद बचाने का खेल जारी

सहायक शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी : कार्रवाई के आदेश के बावजूद बचाने का खेल जारी
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सहायक शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस भर्ती में दस्तावेजों की जांच का जिम्मा चार अधिकारियों को दिया गया था।

बिलासपुर। सहायक शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस भर्ती में दस्तावेजों की जांच का जिम्मा चार अधिकारियों सुशील पटेल, लता यादव, डा मीरा सिंह और आभा जैन को दिया गया था। इन्होंने जानबूझकर दस्तावेजों की अनदेखी की और विज्ञान के पदों पर कामर्स और कला संकाय के चहेते उम्मीदवारों को पात्र बता दिया। अब लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से कार्रवाई के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी को जारी कर दिए गए हैं। इसके साथ ही जो 12 अपात्र उम्मीदवार थे, उन्हें भी पात्र बताया गया है। उसकी भी जांच शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि, जिले में संविदा शिक्षक के पदों पर भर्ती जुलाई 2025 में निकाली गई थी। इसमें कुल 191 पद थे। इसमें सहायक शिक्षक के 55 पद थे। इसमें 400 लोगों की अंतिम मेरिट सूची जारी की गई थी। प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए बाद में 275 लोगों को बुलाया गया था। इसमें गड़बड़ी की शिकायत मस्तूरी निवासी कामिनी कौशिक पिता दिलीप कुमार कौशिक ने की थी।

डिप्टी सीएम से शिकायत के बाद हरकत में अधिकारी
गड़बड़ी का आलम यह रहा कि अधिकारियों ने विज्ञान विषय में गोल्ड मैडलिस्ट को भी बाहर कर दिया। इस बारे में सीधे डिप्टी सीएम से शिकायत की गई थी। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कलेक्टर बिलासपुर को जांच करने कहा था। दरअसल बसना निवासी नरेन्द्र साहू ने अपनी पुत्री का चयन नहीं होने पर सवाल उठाया था। संविदा शिक्षक के लिए अंतिम मेरिट सूची में उनकी पुत्री पूजा साहू का नाम 29 वें नंबर पर है। आगे-पीछे और कम अंकों वाले 5 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई जबकि पूजा साहू को कोई सूचना ही नहीं दी गई। जांच में यह शिकायत भी सही पाई गई। जांच रिपोर्ट हरिभूमि के पास है जिसमें अपात्रों को नौकरी देने की बात लिखी है।

प्रक्रिया की जानकारी ले रहे
जिला शिक्षा अधिकारी विजय तांडे ने बताया कि, 6 यह सही है कि वांछनीय योग्यता मान्यता प्राप्त बोर्ड से हायर सेकण्डरी परीक्षा विज्ञान संकाय से उत्तीर्ण एवं डी.एड. / डी.एल.एड परीक्षा उत्तीर्ण होना प्रथम अनिवार्य शर्त थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर पूरी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी ली जा रही है। कलेक्टर के पास फाइल भेज दी गई है।

दस्तावेजों की जांच करने वाले अधिकारियों की भी होगी जांच
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि, दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दे दिए गए हैं। दस्तावेजों की जांच का जिम्मा जिन चार अधिकारियों को दिया गया था, उनके खिलाफ भी जांच होगी।

प्रथम पात्रता की श्रेणी में ही नहीं आते
जांच रिपोर्ट में लिखा है कि, चयनित अभ्यर्थी श्रद्धा परगनिहा पिता संतोष परगनिहा मुख्य चयन सूची में अन्य पि.व.क्र. 08. और मेंहदी देवांगन, पिता अनिल कुमार देवांगन मुख्य चयन सूची में अन्य पि.व.क्र. 09 के द्वारा प्रस्तुत हायर सेक स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा के अंकसूची का अवलोकन करने पर कामर्स (वाणिज्य) से उत्तीर्ण होना पाया गया। दस्तावेज सत्यापन पर परीक्षण सूची में मेरिट क्र. 48 और 51 में क्रमशः श्रद्धा परगनिहा एवं मेंहदी देवांगन को पात्र बताया गया है और यह भी त्रुटिपूर्ण है क्योंकि संबंधित दोनों अभ्यर्थी वांछित योग्यता के प्रथम शर्त के पालन में ही पात्रता के श्रेणी में नहीं आते हैं। सहा. शिक्षक (अन्य पि. वर्ग) के सरल क्र. 08 एवं 09 में क्रमशः श्रद्धा परगनिहा एवं मेंहदी देवांगन को चयनित किया गया है जो कि त्रुटिपूर्ण है।

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