आईआईटी भिलाई फेस-2 परियोजना: पीएम मोदी ने झारसुगुड़ा से वर्चुअली किया शिलान्यास

पीएम नरेंद्र मोदी
दुर्ग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 27 सितंबर को झारसुगुड़ा ओडिशा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान देश के 8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विभिन्न अधोसंचरना विकास कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास किया। जिसमें आईआईटी भिलाई के फेस-2 परियोजना के कार्य भी शामिल है।
समारोह का सीधा प्रसारण नालंदा व्याख्यान कक्ष, आईआईटी भिलाई परिसर में आयोजित किया गया। समारोह में छत्तीसगढ़ के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार तथा अनुसुचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिवारा के विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी उपस्थित थे। मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि, छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के लिए यह गौरव की बात है कि देश के 8 आईआईटी में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है।

उन्होंने कहा कि, देश के साथ प्रदेश में भी तकनीकी शिक्षा का विस्तार होगा जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में तकनीकी ज्ञान को प्राथमिकता देते हुए इसके विस्तार हेतु पहल कर रही है। आईआईटी भिलाई में फेस-2 परियोजना पूर्ण होने पर यहां शोधार्थी छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने शिलान्यास के अवसर पर सभी को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आईआईटी भिलाई के निर्देशक प्रो. डॉ. राजीव प्रकाश ने आईआईटी की उपलब्धियों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
छात्रों की संख्या 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी
उल्लेखनीय है कि फेस-2 निर्माण की आधारशिला रखने के साथ, आईआईटी भिलाई बुनियादी ढांचे के विकास के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। भारत सरकार ने 29 मई 2025 को फेस-2 के लिए 2,257.55 करोड़ रुपये मंजूर किए, जिसमें से 1092 करोड़ रुपये परिसर निर्माण के लिए हैं। इस परिसर के साथ निर्मित क्षेत्र को अतिरिक्त 1,51,343 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जाएगा।
यह नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभागों, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्षों और उपकरण और प्रोटोटाइप सुविधाओं को जोड़ने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। फेस-2 के दायरे में भवन और सुविधाओं में छात्रावास, मेस हॉल, इनडोर खेल परिसर, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन और स्वास्थ्य केंद्र और खरीदारी परिसर का विस्तार भी शामिल है। छात्रों की संख्या भी 1500 से बढ़कर 3000 हो जाएगी।

फेस-2 के प्रमुख विकासों में से एक परिसर में 96 करोड़ रुपये की लागत से एक अनुसंधान पार्क की स्थापना होगी, जो छत्तीसगढ़ राज्य में पहला होगा। अनुसंधान पार्क का उद्देश्य अकादमिक उद्योग के सहयोग का महत्वपूर्ण लाभ उठाना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
फेस-2 निर्माण के लिए केंद से मिले 1090.17 करोड़ रुपये
2016 में स्थापित, आईआईटी भिलाई को भारत सरकार द्वारा फेस-2 निर्माण के लिए 1090.17 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। इस चरण के तहत, आईआईटी भिलाई परिसर की स्थापना कुटेलभाटा, दुर्ग जिले में 1,34,450 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के साथ की गई थी। आईआईटी भिलाई ने अकादमिक कठोरता, व्यक्तिगत विकास और एक स्थायी जीवन शैली के लिए डिज़ाइन किया गया एक स्मार्ट, छात्र-केंद्रित परिसर विकसित किया। इस संस्थान को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था।

आईआईटी भिलाई परिसर स्मार्ट बिल्डिंग सिस्टम, पूरी तरह से वाई-फाई सक्षम परिसर जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन को एकीकृत करता है। परिसर को भविष्य की पीढ़ियों को प्रकृति के साथ रहने के आनंद की सराहना करने के लिए प्रेरित करने, युवा स्नातकों को पर्यावरणीय स्थिरता के साथ-साथ प्रौद्योगिकी में उन्नति की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए एक दृष्टि के साथ डिजाइन किया गया है। पर्यावरण की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, आईआईटी भिलाई का मास्टर प्लान अधिकांश पेड़ों और जल निकायों को बनाए रखते हुए मौजूदा प्राकृतिक संसाधनों की देखभाल के साथ तैयार किया गया है।
