टूट रहा ड्रग के धंधे का तिलस्म: इवेंट की आड़ में नशे का कारोबार करने वाली मैनेजर समेत चार दबोचे गए

नशे का कारोबार करने वाली मैनेजर समेत चार दबोचे गए
रायपुर। हनी ट्रैप कर ड्रग खपाने वाले रैकेट में शामिल चार और पैडलर को क्राइम ब्रांच तथा गंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला शामिल है। पूर्व में गिरफ्तार नव्या मलिक, आयान परवेज के साथ जिन चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन सभी से पूछताछ करने पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पुलिस रिमांड देने की मांग की है। एमडीएमए ड्रग रैकेट मामले में पुलिस ने अब तक नौ पैडलर को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक महासमुंद का रहने वाला है।
कोर्ट ने तीन आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है। दो महिला आरोपियों को छह सितंबर तक के लिए पुलिस रिमांड स्वीकृत की है। एक अन्य आरोपी को पुलिस शुक्रवार को कोर्ट में पेश करेगी। एमडीएमए ड्रग मामले में पुलिस ने जिन्हें गिरफ्तार किया है, उनमें तेलीबांधा निवासी विधि अग्रवाल, महासमुंद निवासी सोहेल खान, बैजनाथपारा निवासी जुनैद अख्तर तथा शंकर नगर निवासी ऋषिराज टंडन के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने आयान, सोहेल तथा जुनैद को जेल भेजने का फैसला सुनाया है। विधि तथा नव्या की पुलिस रिमांड स्वीकृत की है। पुलिस के अनुसार ड्रग मामले में नव्या के साथ विधि की महत्वपूर्ण भूमिका है।
नौकरी देने का झांसा देकर फंसाया
जुनैद के बारे में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक आयान ने उसे नौ हजार रुपए सैलेरी में अपने पास नौकरी पर रखा था। जुनैद महीनेभर पूर्व आयान के पास नौकरी करने के लिए गया था। इसी तरह से आयान ने सोहेल को झांसे में लेकर अपने साथ जोड़कर ड्रग पैडलर बनाया। आयान के कहने पर सोहेल तथा जुनैद पार्सल छोड़ने के लिए जाते थे।
जेल में बंद मोनू, हर्ष की पीआर
नव्या के सहयोगी जेल में बंद हर्ष आहूजा तथा हरियाणा निवासी मोनू विश्नोई से पूछताछ करने पुलिस ने छह सितंबर तक पुलिस रिमांड ली है। विधि से पूछताछ के बाद पुलिस को हर्ष तथा मोनू के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इसीलिए पुलिस ने इसकी पुष्टि करने दोनों को रिमांड पर लिया है।
विधि इवेंट मैनेजर
पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक विधि अवावाल तथा ऋषिराज इवेंट मैनेज करते थे। इन दोनों के द्वारा जो इवेंट आयोजित किया जाता था, उसमें अपने कस्टमर को सोशल मीडिया के माध्यम से कोडवर्ड में मैसेज भेज कर बुलाया जाता था। इवेंट में शामिल होने वाले लोगों को एंट्री के समय मैसेज दिखाना पड़ता था, तभी अंदर प्रवेश दिया जाता था। किसी नए को शामिल करने के पहले कस्टमर को विधि तथा नव्या से अनुमति लेनी पड़ती थी। इसके बाद नए लोगों को आयोजित पार्टी में शामिल होने दिया जाता था।
ज्यादातर इवेंट वीआईपी रोड के क्लब, होटल में
अपने कस्टमर की जरूरत के हिसाब से ड्रग लाने के साथ नव्या मलिक, विधि तथा ऋषिराज नए कस्टमर जोड़ने अलग से ड्रग लाते थे। नए कस्टमर जोड़ने इनके द्वारा वीआईपी रोड के होटल, क्लब, पब में इवेंट आयोजन किया जाता था। बताया जा रहा है, ड्रग लाने के लिए ऋषिराज नव्या तथा विधि को फाइनेंस करता था।
ऋषिराज का नामचीन लोगों से परिचय
पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक ऋषिराज की शहर के कई बड़े कारोबारी घराने के लड़कों, युवा कारोबारी तथा अफसरों के बेटों से पहचान है। इसका फायदा उठाते हुए विधि तथा नव्या, ऋषिराज की मदद से नए कस्टमर जोड़ते थे। ऋषिराज से पूछताछ में ड्रग लेने वालों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को मिल सकती है।
रैकेट तोड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
नव्या मलिक द्वारा संचालित ड्रग रैकेट को तोड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। नव्या तथा विधि द्वारा संचालित ड्रग रैकेट में पुलिस को राजधानी सहित आसपास के जिलों से 100 से ज्यादा ड्रग पैडलर के जुड़े होने की आशंका है, जिसे तोड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। नव्या से पूछताछ में पुलिस अब तक इस बात की जानकारी नहीं जुटा पाई है कि वह किन-किन लोगों से ड्रग खरीदती थी।
