बिलासपुर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: छात्र को नवोदय विद्यालय में मिलेगा दाखिला, स्कूल प्रबंधन ने प्रवेश कर दिया था निरस्त

बिलासपुर हाई कोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 12 वर्षीय छात्र को राहत देते हुए मल्हार नवोदय विद्यालय में दाखिले का आदेश दिया है। छात्र का नाम चयन सूची में था, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने दस्तावेज सत्यापन के दौरान प्रवेश निरस्त कर दिया था। प्रबंधन ने कहा था कि, छात्र ने जिस स्कूल से पढ़ाई की, वह अब शहरी क्षेत्र में आ गया है।
दरअसल, मरवाही निवासी अनुकल्प गुप्ता ने तीसरी से पांचवीं तक की पढ़ाई सेजेज, मरवाही से की थी। उस वक्त यह स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में आता था। बाद में प्रशासनिक आदेश से इसे शहरी क्षेत्र में शामिल कर दिया गया। इसी आधार पर नवोदय विद्यालय प्रबंधन ने उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई।
कोर्ट ने प्रबंधन के आदेश को किया ख़ारिज
अनुकल्प के पिता अजय कुमार गुप्ता ने याचिका लगाई और कहा कि न तो स्कूल का पता बदला है और न ही उनका घर, सिर्फ प्रशासनिक स्थिति बदली है। ऐसे में बेटे का दाखिला रोकना उसके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद प्रबंधन का आदेश खारिज कर दिया।
बच्चे को बेहतर शिक्षा से वंचित रखना गलत - कोर्ट
कोर्ट ने कहा- बच्चा मेधावी है, उसने नियमों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल से पढ़ाई की है। राज्य सरकार की अधिसूचना से स्कूल का दर्जा बदलना, उसके अधिकार खत्म करने का आधार नहीं हो सकता। तकनीकी कारणों से किसी बच्चे को बेहतर शिक्षा से वंचित करना गलत है।
