छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: तकनीकी शिक्षा विभाग के प्राचार्यों को दी राहत, रिकवरी आदेश ख़ारिज

बिलासपुर हाई कोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने तकनीकी शिक्षा विभाग के प्राचार्य को बड़ी राहत दी है। 16 साल बाद की गई वेतन रिकवरी पर HC ने बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस ए.के. प्रसाद ने कहा- इतनी देर बाद की जाने वाली वसूली अनुचित और अन्यायपूर्ण है। विभाग ने 2006 से अधिक वेतन बताकर 2022 में रिकवरी का आदेश दिया था। जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने आदेश को खारिज कर कर्मचारियों के हित में राहत दी है।
वहीं छत्तीसगढ़ के जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों के बंद मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। मामले में चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में बुधवार को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट ने सरकार से फ्रेस एफिडेविट की मांग की है। वहीं अब इस मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद होगी।
क्षमता से अधिक कैदी हैं बंद
बुधवार को बिलासपुर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान शासन ने भी अपना पक्ष रखा। जिसमें उन्होंने बताया कि, बेमेतरा के नए जेल का काम पूरा हो चुका है। बस बिजली का काम बाकि रह गया है। बता दे कि, 15 हजार की क्षमता वाले जेलो में 20 हजार पांच सौ से अधिक कैदी बंद है।
पूर्व विधायक की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
वहीं कांग्रेस कुनकुरी के पूर्व विधायक यूडी मिंज की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मामले में बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ये जनहित याचिका का दुरुपयोग है इस पर FIR क्यों नहीं कराया गया है। जिस पर महाधिवक्ता ने तर्क देते हुए कहा- 2025 से जैम पोर्टल से खरीदी शुरू हो चुकी हैं। ये नियम बाद में आया है।
कृषि उपकरण और कीटनाशक खरीदी में घोटाले आ आरोप
मामले में एक सप्ताह बाद दोबारा कोर्ट में सुनवाई होगी। कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज ने अमानक कृषि उपकरण और खतरनाक कीटनाशक खरीदी में घोटाले का आरोप लगाया है। जिस पर मिंज ने जनहित याचिका दायर कर घोटाले की जांच की मांग की थी।
