भारी बारिश से पुलिया पर चढ़ा पानी: जान जोखिम में डाल पार कर रहे बच्चे, भालुखार- टिपक डांड़ का कोतबा से टूटा संपर्क

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पुल के ऊपर से बह रहा पानी 

कोतबा में हो रही भारी बारिश के चलते भालुखार-टिपक डांड़ का संपर्क टूट गया है। इस बीच स्कूली बच्चे तेज बहाव वाली पुलिया को पार कर स्कूल जाते हुए नजर आए।

मयंक शर्मा- कोतबा। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में हो रही बारिश के कारण नदी- नाले उफान पर है। यहां का नगर पंचायत कोतबा का भालुखार टिपकडाँड़ टापू में तब्दील हो गया है। जिसके कारण यहां के 30 परिवारों से अधिक परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण आवागमन बाधित हो गया है।

भालुखार टिपकडाँड़ के जलमग्न होने से स्वास्थ्य सुविधाओं और दैनिक दिनचर्या के वस्तुओं के लिये लोगों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण भालुखार स्थित शासकीय प्राथमिक शाला के शिक्षक और बच्चे स्कूल नहीं पहुंच सके। वहीं इस दौरान कई नन्हें बच्चे तेज बहाव में पुल को पार करते हुए नजर आए। जिन्हें लोगों की मदद से सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया। भालुखार- टिपक डांड़ मोहल्ले के 30 से अधिक परिवारों का संपर्क कोतबा नगर से टूट गया है।


जान जोखिम में डाल पुल पार कर रहे स्कूली बच्चे
कुछ लोग पैदल भी बहते पानी के ऊपर से खतरा मोल ले कर पार हो रहे है जो कि जोखिम भरा है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ये पूरा मोहल्ला कोतबा नगर के बाजार पर आश्रित है। राशन दवाई से लेकर हर जरूरत की समान और अन्य कामकाज के लिए कोतबा मुख्य बाजार आना होता है। लेकिन पानी भर जाने के कारण अब लोग घर में ही कैद होकर रह गए हैं।

जर्जर हो चूका है पुल
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सूरज साहू ने बताया कि, वे रोजाना की तरह स्कूल जा रहे थे। तभी सतिघाट पहुंच कर देखा तो पानी करीब घुटने भर से ऊपर पुल के ऊपर से बह रहा था। तेज बहाव होने के कारण तत्काल स्कूल कीछुट्टी करनी पड़ी। इस पुल की जर्जर हालत देख कर लगता है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।


पुल निर्माण की कर रहे मांग
वार्ड क्रमांक 01 सतिघाट वार्ड के पार्षद परमानंद पैकरा ने बताया कि, ये भालुखार सागरपाली का एकमात्र पहुंच मार्ग है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि, यहाँ पुल का निर्माण करवाया जाए। वार्ड 2 के पार्षद सुदर्शन पटेल ने बताया कि, एक दशक बाद सतिघाट में जलस्तर इतना बढ़ गया है। पुल निर्माण करना जरुरी है नहीं तो कभी भी कोई हानि हो सकती है।


किसानों की फसल डूबी
भैरवी नदी किनारे के इलाके में सैकड़ों एकड़ खेत मे भारी जल भराव हो गया। जिसके कारण खड़ी फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। वहीं अब फसलों के डूबने से किसानों को चिंता सताने लगी है। कवरपारा के ऊपरी इलाके के ढाब नदी के लगे खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके है।

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