हरिभूमि-आईएनएच का सृजन संवाद: वित्तमंत्री चौधरी ने किए कई बड़े ऐलान

चौधरी से हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी का संवाद
रायपुर। हरिभूमि-आईएनएच के सृजन संवाद में मौजूद वित्त, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के मुद्दों पर खुलकर बातें की। प्रधान संपादक डा. हिमांशु द्विवेदी के साथ खास व सीधा संवाद में उन्होंने कई ऐलान भी किए। श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई बड़ा ग्रोथ इंजन नहीं है। ग्रोथ इंजन बनाने के लिए सरकार ने एससीआर की कल्पना की है। सरकार के इसी कार्यकाल में इसका काम दिखने लगेगा।
उन्होंने बताया कि रायपुर में जमीन की गाइड लाइन दरों के 75 फीसदी स्लैब खत्म किए जाएंगे। इस पर काम चल रहा है। श्री चौधरी ने यह भी कहा कि राजधानी रायपुर के मास्टरप्लान की खामियां दूर कर इसे दो माह में धरातल पर लाया जाएगा। श्री चौधरी ने कहा कि सरकार राज्य की बुनियाद के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखने को मिलेगा।
वित्तमंत्री श्री चौधरी ने हरिभूमि-आईएनएच द्वारा होटल सयाजी में आयोजित सृजन संवाद कार्यक्रम में रियल एस्टेट के बिल्डरों के समक्ष राज्य सरकार की नई योजनाओं के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि 13 साल के प्रशासनिक जीवन में मन में कोई मलाल नहीं रहा। फिर लगा कि जीवन में कुछ अच्छा करने राजनीति में आना चाहिए। तुलनात्मक रूप से यह बड़ा परिवर्तन था।
उन्होंने रियल एस्टेट के कारोबारियों के द्वारा उठाए गए बहुत से मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के कारोबार को अवैध प्लाटिंग रोके बिना नहीं बढ़ाया जा सकता। उसे जितना कम कर पाएं, उतना अच्छा होगा। एसडीएम और निगम आयुक्त के पास अवैध प्लाटिंग को नियंत्रित करने की शक्तियां होती हैं। अवैध प्लाटिंग करने वाले पॉवर ऑफ अटार्नी लेकर प्लाट बेचते हैं। हमने अब नियम बनाया है कि पॉवर ऑफ अटार्नी केवल ब्लड रिलेशन को ही दिया जाएगा।
एससीआर का आईकोनिक टॉवर बनेगा
वित्तमंत्री ने कहा कि, कोई भी प्रदेश अर्बन प्लानिंग के साथ ग्रोथ इंजन तैयार करता है। उसके अनुसार ही उसके विकास की दिशा तय होती है। कर्नाटका का ग्रोथ इंजन बेंग्लुरु है। उसी प्रकार राज्य में नया रायपुर सहित राजधानी के करीबी शहरों को जोड़कर एससीआर बनाने की ओर कदम बढ़ाएं हैं। एससीआर के लिए एक्ट बनकर तैयार हो गया है। यह एक्ट नगर निवेश के कानून के उपर होगा। दीवाली से पहले एससीआर की पहली बैठक होगी। जिसमें इसका सेटअप तय किया जाएगा। एससीआर के लिए आईकोनिक टॉवर भी तैयार किया जाएगा, जो 700 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए आर्कटिक्ट का टेंडर भी जारी हो गया है।
नया रायपुर का तेजी से विकास
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि, नवा रायपुर का विकास तभी होगा जब इसे हम कमर्शियल रूप से विकसित करेंगे। इस पर काम चल रहा है। यहां पर आवागमन और संचार की सुविधा के साथ ही ऐसे संस्थान को लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो ख्यातिनाम हो। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सवाल उठने पर कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व की भाजपा सरकार ने आईआईटी, ट्रिपल आईआईटी, आईआईएम, हिदायतउल्ला लॉ यूनिवर्सिटी, सीपेट और एनआईटी जैसे संस्थान छत्तीसगढ़ में खोले।
अभी हमारी सरकार आने के बाद निफ्ट, निलेप, फोरेंसिक साइंस, सहित कई अन्य संस्थानों ने काम शुरू किया है। अभी सोमाया, नरसिंम्हा, गोखले इंस्टीट्यूट जैसी संस्स्थओं को नया रायपुर में लाने का प्रयास हो रहा है। यहां हम एडु सिटी बनाने जा रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाम्बे हास्पिटल का टेंडर हो चुका है। सरोज हास्पिटल भी यहां पर खुलने वाला है। मेडी सिटी का प्लान भी है।
मेट्रो के सर्वे के लिए टेंडर जारी
श्री चौधरी ने बताया कि मेट्रों का सर्वे करने के लिए टेंडर 20 दिन पहले ही जारी किया गया है। एससीआर के लिए मेट्रो जरूरी है। कहां तक बनेगा इसका पूरा सर्वे करा करे हैं। आने वाले दिनों में इसका प्लान पूरी तरह से तैयार होगा। बिल्डरों ने मांग की कि नया रायपुर के विकास में तेजी लाने लेयर-2 को खोला जाए। मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि लेयर-2 पर एग्रेसिव इंफ्रास्टक्चर विकसित करने जा रहे है। यहां पर समन्वित टाउनशिप विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लेयर-1 थोड़ा और उपर आ जाए फिर 1 साल के अंदर लेयर-2 का प्लान आएगा। उन्होंने बताया कि नया रायपुर में संचार सुविधा और नेटवर्क बढ़ाने के लिए बीजीएफ स्कीम के तहत प्राइवेट प्लेयर यहां पर अपना टॉवर लगाने जा रहा है।
नया रायपुर में बनेगा लेबर हट मेंट
बिल्डरों की मांग पर उन्होंने बताया कि, नया रायपुर में छोटे प्लाट भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यहां पर लेबर हट मेंट का सरकारी प्रोजेक्ट भी लाया जा रहा है। हाउसिंग के क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस के लिए भी लिए नियमों में परिवर्तन किया गया है। अब तक गरीबी रेखा वाले ही इसे खरीदते थे। अब औद्योगिक क्षेत्र के लिए इन मकानों को बेचा जा सकेगा।
60 प्रतिशत बुकिंग आने पर ही टेंडर
उन्होंने बताया कि हाउसिंग बोर्ड के हालात सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाउसिंग बोर्ड अब कोई प्रोजेक्ट लाता है तो उसके निर्माण की शुरुआत तब तक नहीं की जाती जब तक 60 प्रतिशत बुकिंग नहीं हो जाती। उन्होंने बताया कि पुराने रायपुर के रिडेवलपमेंट प्लान पर भी सरकार का कर रही है। यह पीपीपी मॉडल में किया जा रहा है।
गाइड लाइन दरों का युक्तियुक्तकरण
उन्होंने बताया कि प्रदेश में गाइड लाइन दरों में 2017-18 से वृद्धि नहीं हुई है। वह भी 30 प्रतिशत कम है। रायपुर शहर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि शहर में गाइड लाइन दरों में कई विसंगति पाई गई है। 1500 से अधिक दरें प्रचलित हैं। इन दरों को युक्तियुक्तकरण कर 75 प्रतिशत घटाने के प्रयास किए जा रहे है। आने वाले दिनों में इसमें परिवर्तन देखने को मिलेगा।
लैंड यूज के नियमों में करेंगे सुधार
जमीन की पंजीयन दर को 10 प्रतिशत से घटाने संबंधी बिल्डरों के सुझाव पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की इकानॉमी उत्पादक है। उपभोग इकॉनामी जब तक नहीं बनाएंगे तब तक जमीनों का पंजीयन शुल्क कम नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में कई ऐसे शहर हैं जो इकॉनामिक उपभोग के हिसाब से बेहद मजबूत हैं। रोजगार और अन्य मामलों में आगे हैं। छत्तीसगढ़ को भी आर्थिक रूप से मजबूत करने समन्वित प्लान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, लैंड यूज के नियम 1960 के हैं। नियम का उल्लंघन इसमें होता है। इसके लिए बेसिक प्लान बनाने की जरूरत हैं। लैंड यूज पर भी सुधार करने जा रहे हैं। रायपुर का जो मास्टर प्लान है उसमें सुधार कर 3 माह में अंतिम रूप से जारी करेंगे। जो गलतियां हैं उसे ठीक करेंगे।
