GST दर में बड़ा बदलाव: भाजपा प्रवक्ता बोले- जनता की जेब में जाएगा पैसा, देश विकसित होने की दिशा में बढ़ेगा

लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश के प्रवक्ता शिव नारायण पाण्डेय ने सुकमा में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जीएसटी दर में कमी को लेकर जानकारी दी। साथ ही इसके फायदे भी गिनाए। उन्होंने बरताया कि, सरकार का यह फैसला हर वर्ग के लिए फायदेमंद है। इससे देश के साथ प्रदेश भी आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ेगा।
शिव नारायण पाण्डेय ने कहा- आयकर में ऐतिहासिक छूट के बाद अब जीएसटी के स्लैब का सरलीकरण, रेट कम करके भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। ये बदलाव आम जनता के जीवन को खुशहाल बनाने वाले और व्यापार- उद्योग को नई गति देने वाले हैं। इससे लोगों की बचत बढ़ेगी और व्यापारियों को जीएसटी कानून के सरलीकरण से काम करने में आसानी होगी।
जनता को मिलेगी आर्थिक मजबूती
प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण पाण्डेय ने कहा कि, एक राष्ट्र–एक टैक्स की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए 1 जुलाई 2017 को 101वें संविधान संशोधन के जरिए जीएसटी लागू किया गया। उससे पहले 17 तरह के टैक्स और 13 तरह के सेस अलग- अलग रूप में लागू थे।अब चार स्लैब घटाकर दो स्लैब कर दिए गए हैं। कई जरूरी वस्तुओं पर कर शून्य और अनेक उत्पादों पर 10% तक कर घटाया गया है। यह कदम जनता के लिए रामराज्य जैसा आर्थिक सुधार साबित होगा।
लघु उद्योगों मिलेगा अधिक लाभ - केदार कश्यप
कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने जीएसटी में सुधार से रोजमर्रा की जरूरी सामग्रियों पर घटे दामों के बारे में बताते हुए कहा- एमएसएमई और रोजमर्रा की वस्तुएँ छोटे, लघु एवं मझोले उद्योगों को सबसे अधिक लाभ। तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन, शैक्षणिक वस्तुएँ, स्वास्थ्य व जीवन बीमा, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल उत्पाद सस्ते होंगे। करदाता संख्या और राजस्व 2017 में 66.5 लाख जीएसटी करदाता थे, 2025 में यह बढ़कर 1.51 करोड़ हो गए।2024-25 में जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चार साल में दोगुना है।
किसान को भी मिलेगी राहत
शैटर, हार्वेस्टर, रोटावेटर जैसे उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया।जैव–कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी दर घटाई गई।इससे किसानों की लागत कम होगी। स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा उत्पादों पर कर कम किया गया। यह सामाजिक सुरक्षा और सस्ते इलाज की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। ताड़ी उत्पादों पर कर 18% रखा गया जिससे जनजातीय क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। छत्तीसगढ़ को प्रोत्साहन मद में 62 सौ करोड़ रुपये मिले हैं।
