राज्यपाल रमेन डेका पहुंचे दुगली: वनधन विकास केंद्र का निरीक्षण किया, बोले- यह है ग्रामीण सशक्तिकरण का मॉडल

वनधन विकास केंद्र में एलोवेरा जेल की जानकारी लेते राज्यपाल रमेन डेका
अंगेश हिरवानी - नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक के दुगली गांव में शुक्रवार, 24 अक्टूबर को राज्यपाल श्री रमेन डेका पहुंचे। उन्होंने वनधन विकास केंद्र का अवलोकन किया और वहां कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों से मुलाकात की। राज्यपाल ने वनोपज से तैयार किए जा रहे उत्पादों को देखकर महिलाओं की मेहनत, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
वनोपज से तैयार हो रहे 22 से अधिक उत्पाद
दुगली स्थित एमएफपी (Minor Forest Produce) प्रोसेसिंग सेंटर में एलोवेरा, मूसली और आंवला जैसे वनोपजों से 22 से अधिक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें एलोवेरा शैम्पू, साबुन, बॉडी वॉश, मॉइश्चराइज़र, मूसली लड्डू, हर्बल पाउडर और आंवला जूस जैसे उत्पाद शामिल हैं। इनसे गांव की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है और उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
महिला सशक्तिकरण का प्रेरक उदाहरण- राज्यपाल
राज्यपाल डेका ने कहा- दुगली का वनधन केंद्र ग्रामीण आजीविका और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक उदाहरण है। उन्होंने उत्पादन की प्रक्रिया को नज़दीक से देखा और मुख्य वन संरक्षक श्रीमती सतोविशा समाजदार से एलोवेरा जैल, तिखुर और दोना-पत्तल निर्माण की जानकारी ली।
#धमतरी के दुगली गांव पहुंचे राज्यपाल रमेन डेका ने वनधन विकास केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की प्रशंसा करते हुए कहा- दुगली का यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा है। @DhamtariDist @GovernorCG pic.twitter.com/ANI9usl0sR
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 25, 2025
लखपति दीदियों और इको-टूरिज्म समिति से मुलाकात
राज्यपाल ने इको-टूरिज्म समिति और लखपति दीदियों से भी बातचीत की। लखपति दीदी देवकुमारी साहू ने बताया कि बिहान योजना से जुड़कर उन्हें गांव में ही स्थायी रोजगार मिला है, जिससे वे अपने परिवार का जीवनस्तर सुधार पा रही हैं। इको-टूरिज्म समिति के सदस्य माधव सिंह मरकाम ने कहा कि जबर्रा ग्राम की प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए गठित समिति से ग्रामीणों को पर्यटन से आय प्राप्त हो रही है।
लीफ आर्टिस्ट की कलाकृति से हुए प्रभावित
कार्यक्रम के दौरान लीफ आर्टिस्ट विकास शांडिल्य ने पीपल के पत्ते पर उकेरी गई शेर की कलात्मक आकृति राज्यपाल को भेंट की। राज्यपाल ने उनकी कला की सराहना की और उनकी कृतियों को खरीदने की इच्छा भी जताई।
आत्मीय संवाद और स्मृति चित्र
राज्यपाल रमेन डेका ने कार्यक्रम के अंत में महिला समूहों के साथ आत्मीय बातचीत की और उनके साथ स्मृति स्वरूप तस्वीरें खिंचवाईं। उन्होंने कहा कि धमतरी का यह मॉडल महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण आजीविका और वन संपदा के सतत उपयोग की दिशा में पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन रहा है।
