सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत: अब 30 नवंबर तक हो सकेगा रकबा संशोधन, 1.98 लाख किसान बेच चुके हैं धान

सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत : अब 30 नवंबर तक हो सकेगा रकबा संशोधन, 1.98 लाख किसान बेच चुके हैं धान
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सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। किसानों को रकबा संशोधन के लिए 30 नवंबर तक का समय और दिया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों के धान का रकबा अगर एकीकृत किसान पोर्टल में कम, गलत या त्रुटिपूर्ण दिख रहा है, तो किसानों को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। राज्य शासन ने किसानों को रकबा संशोधन के लिए 30 नवंबर तक का समय और दिया है। इस बीच राज्य में अब 9 लाख 89 हजार 643 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। 15 नवंबर से अब तक राज्य में 1 लाख 98 हजार 248 किसान अपना धान बेच चुके हैं।

खरीफ वर्ष 2025 के लिए किसानों के पंजीयन एवं फसल रकबे में संशोधन की सुविधा अब किसानों को और अधिक समय तक उपलब्ध रहेगी। शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हेतु उपलब्ध प्रावधान को अब 30 नवम्बर 2025 तक सभी समितियों में समिति लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।

अब किसान पोर्टल में 30 तक हो सकेगा रकबा संशोधन
इस संबंध में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सहकारिता विभाग, कृषि, उद्यानिकी विभाग, राज्य सहकारी बैंक, मार्कफेड तथा एनआईसी के अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार अब यह सुविधा 30 नवंबर तक सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में समिति लॉगिन पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसान अपने पंजीयन, फसल रकबे में संशोधन तथा आवश्यक जानकारी अपडेट कर सकेंगे।

किसानों को अवगत कराएं
शासन ने संबंधित सभी विभागों एवं संस्थाओं को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों, समितियों एवं कर्मचारियों को इस संबंध में अवगत कराएं, जिससे किसानों को समय पर जानकारी प्राप्त हो सके और कोई भी पात्र किसान पंजीयन से वंचित न रहे। उपलब्ध कराए गए प्रावधान समिति लॉगिन में कृषक एवं संस्थागत, कृषक नवीन पंजीयन, नॉमिनी संशोधन, रकबा, फसल संशोधन की सुविधाएं उपलब्ध है। तहसील लॉगिन में सुविधाएं-संस्थागत नवीन पंजीयन, रेगहा, अधिया पंजीयन, संयुक्त पंजीयन, डुबान पंजीयन, कृषक एवं संस्थागत निरस्तीकरण की सुविधा उपलब्ध है। इन सभी सुविधाओं के 30 नवम्बर 2025 तक उपलब्ध रहने से किसानों को पंजीयन एवं संशोधन प्रक्रिया के निर्णय से पूरे प्रदेश के किसानों को खरीफ सत्र की तैयारी में सुविधा होगी।

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