मरीन फॉसिल पार्क को मिली राष्ट्रीय पहचान: नवाचार कर संवारने वाले DFO को मिला 'नेक्सस ऑफ़ गुड अवॉर्ड'

मनेंद्रगढ़ के DFO मनीष कश्यप को मिला नेक्सस ऑफ़ गुड अवॉर्ड्
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मनेंद्रगढ़ के DFO मनीष कश्यप को मिला नेक्सस ऑफ़ गुड अवॉर्ड्

मनेंद्रगढ़ के DFO मनीष कश्यप को नेक्सस ऑफ़ गुड अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को संवारने के लिए मिला है।

रविकांत राजपूत- मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ के नाम एक नई उपलब्धि जुड़ गई है। यहां के DFO मनीष कश्यप को नेक्सस ऑफ़ गुड फाउंडेशन अवॉर्ड्स 2025 से दिल्ली में सम्मानित किया गया है। कश्यप को यह सम्मान गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क को संवारने और पहचान दिलाने के लिए मिला है। जिसके फलस्वरूप अब पार्क में टूरिस्टों की संख्या मिलने के साथ ही पहचान मिल रही है।

आईएफएस मनीष कश्यप ने पिछले वर्ष भी अपने नवाचार 'महुआ बचाओ अभियान' के लिए भी डीएफओ कश्यप को सम्मानित किया गया था। अवार्ड के लिए प्रतिभागियों का चयन UPSC के रिटायर्ड चेयरमैन आईएएस दीपक गुप्ता के कमिटी ने किया। Nexus of good फाउंडेशन रिटायर्ड IAS और IPS अधिकारियों की संस्था है जो देश के अधिकारियों और संस्थाओं के नवाचार कामो को विभिन्न स्तर पे सराहने और हाईलाइट करने का काम करती है।

नवाचार करने वालों को मिला सम्मान
इस वर्ष के अवार्ड सेरेमनी के चीफ गेस्ट बी. के. चतुर्वेदी ( रिटायर्ड IAS और भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी) रहे। इस वर्ष कुल 150 नवाचार के लिए आवेदन आए। देश के कई अधिकारियों और संस्थाओं को हेल्थ, एजुकेशन, कृषि, प्रशासन,समाज सेवा,महिला उत्थान, इत्यादि के लिए कुल 26 नवाचार काम को अवार्ड के लिए चुना गया।


'महुआ बचाओ अभियान' के लिए मिल चूका है अवार्ड
मनीष कश्यप को पर्यावरण संरक्षण केटेगरी में स्थान मिला। पिछले वर्ष घटती महुआ संख्या के पुनरुत्पादन बढ़ाने के लिए 'महुआ बचाओ अभियान' के लिए भी डीएफओ मनीष कश्यप को अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

एशिया का सबसे बड़ा मरीन फॉसिल पार्क है गोंडवाना मरीन
मनेंद्रगढ़ में स्थित गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क एशिया का सबसे बड़ा मरीन फॉसिल पार्क है और देश में ऐसे सिर्फ 5 स्थल है जहाँ मरीन फॉसिल पाये जाते है।इसकी खोज 1954 में हुई थी पर इसको टूरिस्ट स्थल के रूप में पहचान नहीं मिल पायी थी।इस ऐतिहासिक धरोहर को वन विभाग ने संरक्षण के साथ साथ संवारने का काम किया। प्राकृतिक रूप से मौजूद ग्रेनाइट के पत्थरों में पुरातन काल के 35 जानवरों और डायनासोरों की मूर्ति उकेरी गई। कैक्टस गार्डन, इंटरप्रिटेशन सेंटर और हसदेव नदी में बोटिंग चालू किया गया।

13 हज़ार से ज़्यादा टूरिस्ट कर चुके हैं विजिट
अप्रैल 2025 में उद्घाटन के बाद अब तक इसे देखने 13 हज़ार से ज़्यादा टूरिस्ट आ चुके है।मध्य प्रदेश से भी पर्यटक इसके लिए आकर्षित हो रहे है।भविष्य में ये संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। सरगुजा संभाग में पर्यटक मैनपाट घूमने के लिए ही आते है पर गोंडवाना मरीन फॉसिल पार्क भी अब टूरिस्ट का पसंद बनते जा रहा है।

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