जेम पोर्टल के जरिए खरीदी: एक करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी, महासमुंद में कॉलेज के प्राचार्य समेत 5 सस्पेंड

जेम पोर्टल के जरिए खरीदी : एक करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी, महासमुंद में कॉलेज के प्राचार्य समेत 5 सस्पेंड
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File Photo 

जेम पोर्टल के माध्यम से करीब 1.06 करोड़ रुपये की खरीदी में वित्तीय अनियमितता बरतने पर उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में सरकारी धन के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। जेम पोर्टल के माध्यम से करीब 1.06 करोड़ रुपये की खरीदी में वित्तीय अनियमितता बरतने पर उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने शासकीय आदर्श महाविद्याल लोहारकोट के प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी और समिति के चार सहायक प्राध्यापकों को तत्काल प्रभसे सस्पेंड कर दिया है।

शिकायत के बाद उच्च शि आयुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय ज समिति की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए रिपोर्ट के अनुसार, प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी अक्टूबर और नवंबर 2025 के बीच शासन अनिवार्य अनुमति के बिना करोड़ों की सामग्री खर ली। भंडार क्रय नियमों के तहत 50,000 रुपये अधिक की खरीदी के लिए निविदा आमंत्रित कर जरूरी होता है, लेकिन प्राचार्य ने सीधे 'एल-वन' का सहारा लेकर अपनी चहेती फर्मों को ल पहुंचाया।

ये हुए निलंबित, एफआईआर भी होगी
निलंबित होने वालों में प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी के अलावा शासकीय कॉलेज पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पत सिंह विशाल, पीठी सिंह ठाकुर और डॉ एसएस दीवान शामिल हैं। निलंबन अवधि के दौरान इन सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक कार्यालय, रायपुर नियत किया गया है। समिति ने इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने और राशि वसूली की भी अनुशंसा की है।

अपनों को उपकृत करने का खेल
जांच में सामने आया कि जिन तीन प्रमुख फर्मों, सागर इंडस्ट्रीज, सिंघानिया ग्रुप और ओशन इंटरप्राइजेस से खरीदी की गई, वे संभवतः जांजगीर के एक ही परिवार की हैं। सबसे गंभीर बात यह रही कि प्राचार्य ने क्रय समिति में अपने कॉलेज के स्टाफ के बजाय बाहरी सदस्यों को शामिल किया था।

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