खबर का असर: फर्नीचर बिक्री मामले में कलेक्टर ने लिया संज्ञान, शासन को पत्र लिखकर प्रभारी प्राचार्य को हटाने की अनुशंसा

फर्नीचर बिक्री मामले में कलेक्टर ने लिया संज्ञान
डेविड साय- कसडोल। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के सरकारी स्कूल टुंडरा से फर्नीचर की बिक्री का मामला सामने आया था। जिसके बाद अब कलेक्टर दीपक सोनी ने मामले में संज्ञान लिया है। सोनी ने शासन को पत्र लिखकर प्रभारी प्राचार्य राजकुमार बंजारे को हटाने की अनुशंसा की है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा के प्रभारी प्राचार्य और शाला विकास समिति ने उपयोगी फर्नीचर को कबाड़ बताकर निजी स्कूलों में बेच दिया था।
उल्लेखनीय है कि, हरिभूमि डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद अब मामले में कलेक्टर सोनी ने स्वत: संज्ञान लिया है। जिले के माध्यमिक विद्यालय टुंडरा की प्रभारी प्राचार्य और शाला विकास समिति ने गुपचुप तरीके से प्रस्ताव तैयार कर स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए आए टेबल कुर्सी को निजी स्कूलों में 400 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिक्री कर दिया। मामले का तूल पकड़ता देख निजी स्कूलों ने शासकीय स्कूल से खरीदे टेबल कुर्सी को 3 वाहनों में भरकर वापस भेज दिया था।

बच्चों के परिजनों ने किया था हंगामा
टेबल- कुर्सी बिक्री की जानकारी मिलने के बाद जिसे परिजनों ने शासकीय स्कूल के गेट के सामने ही रोककर हंगामा किया था। विद्यालय में करीब 8 दिन पहले शाला विकास समिति की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल और शाला विकास समिति के अध्यक्ष सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। इस दौरान सब की सहमती से बच्चों के बैठने की कुर्सी- टेबल को बेचने की योजना बनाई।

निजी स्कूलों ने वापस भेजा था फर्नीचर
निजी स्कूलों ने वापस भेजा फर्नीचर पालकों ने जब निजी स्कूलों में जाकर पड़ताल किया तो फर्नीचर बिक्री की बात सामने आई,शासकीय फर्नीचर की बिक्री का खुलासा जब हुआ तो हड़कम मच गया और निजी स्कूलों ने शासकीय स्कूल से खरीदे लगभग 150 नग टेबल कुर्सी को 3 वाहनों में भरकर वापस शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा भेज दिया।
प्रिंसिपल ने आरोपों से किया था इनकार
स्कूल प्रबंधन ने दी सफाईजैसे ही वाहनों में भरकर फर्नीचर वापस स्कूल पहुंचा तो पालकों ने स्कूल गेट के सामने ही सभी वाहनों को रोक दिया और बड़ी संख्या में आक्रोशित परिजन स्कूल परिसर पहुंच गए। शासकीय फर्नीचर को निजी स्कूलों में बेचने की बात को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा के प्रिंसिपल सिरे से नकार रहे हैं। उनका कहना था कि, स्कूल का डिस्मेंटल होना है जिसकी वजह से कबाड़ सामानों को बिक्री कर शाला विकास समिति के खाते में बिक्री से मिली रकम को जमा करना है।
