पुरानी दरों पर न बेची जाए कोई भी वस्तु: वित्तमंत्री ओपी का स्पष्ट निर्देश, 'जीएसटी बचत उत्सव' की विशेष समीक्षा बैठक ली

वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी
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वित्त मंत्री ओपी चौधरी

छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने 'जीएसटी बचत उत्सव' की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने नेदेर्श दिया कि, दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचना चाहिए।

रायपुर। वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य के नागरिकों को जीएसटी की घटी दरों का त्वरित लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नवा रायपुर में आयोजित ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की विशेष समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि, जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे आम जनता तक पहुँचना चाहिए, ताकि हर परिवार को वास्तविक बचत और व्यापारियों को राहत मिल सके।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने सभी जिलों के जीएसटी अधिकारियों से कहा कि, वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी वस्तु पुरानी दरों पर न बेची जाए। यदि कोई पुराना स्टॉक उपलब्ध हो, तो उस पर नई संशोधित दरें अंकित की जाएँ और वस्तुएँ केवल नई दरों पर ही बेची जाएँ, ताकि जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाएगी और राज्य स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा वे स्वयं करेंगे, ताकि “जीएसटी 2.0” सुधारों का लाभ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँच सके।


की समीक्षा, लिया फीडबैक
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में राज्य के सभी बाजारों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि, जीएसटी दरों में की गई कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुँचे। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी 2.0 के अंतर्गत दरों में ऐतिहासिक कमी की गई है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को राहत देना और व्यापार को सुगमता प्रदान करना है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि, इस सुधार का लाभ समयबद्ध और ईमानदारीपूर्वक जनता तक पहुँचे।

आम उपयोग की वस्तुओं की दरों में की गई है व्यापक कमी
गौरतलब है कि, आम उपयोग की वस्तुओं की दरों में व्यापक कमी की गई है- लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएँ अब 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाई गई हैं। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से बड़ी बचत हो रही है। उदाहरण के तौर पर, ट्रैक्टर जैसी कृषि मशीनरी पर 60,000 रुपये से 1,20,000 रुपये तक की बचत संभव हुई है। वहीं, कपड़ों और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे आमजन का वार्षिक खर्च काफी घटेगा।

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