राजनांदगांव में EOW- ACB की रेड: सर्राफा व्यापारी के ठिकानों पर दी दबिश, वित्तीय लेन- देन और काले धन से जुड़ा है मामला

सर्राफा व्यापारी के ठिकानों पर EOW- ACB की रेड
अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में दीपावली पर्व से पहले EOW और ACB की टीम ने दबिश दी है। संयुक्त टीमों ने यहां के सर्राफा व्यापारी के ठिकानों पर छापा मारा है। नंदई चौक स्थित मकान और गुडाखु लाइन स्थित जसराज बैद मोहनी ज्वेलर्स दुकान पर छापेमार कार्रवाई की गई है। अफसरों की टीम चार गाड़ियों में राजनांदगांव पहुंची है।
जांच दल सर्राफा व्यापारी के ठिकानों की तलाशी ले रही है साथ ही कई अहम दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। वहीं अफसर नकदी और अन्य सामग्री की जानकारी भी ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि, प्रदेश के कई जिलों में कार्रवाई में सर्राफा कारोबारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। फ़िलहाल जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि, टीम को क्या बरामदगी हुई है।

वित्तीय लेन- देन और काले धन से जुड़ा है मामला
जांच दल सुबह-सुबह राजनांदगांव पहुंचे और दोनों स्थानों को घेर लिया। टीम ने दुकान और मकान में मौजूद सभी दस्तावेजों, नकदी, सोने-चांदी के आभूषणों और अन्य संपत्तियों की बारीकी से जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि, यह छापेमारी अवैध वित्तीय लेनदेन और काले धन से संबंधित शिकायतों के आधार पर की गई। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि टीम को क्या बरामद हुआ और कार्रवाई का आधार क्या था।
इससे पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब राजनांदगांव में इस तरह की कार्रवाई हुई हो। तीन साल पहले भी EOW और ACB की टीमों ने इसी सर्राफा व्यापारी के ठिकानों पर छापा मारा था। उस दौरान जांच में 500 किलो से अधिक चांदी और डेढ़ किलो सोना बरामद किया गया था। उस कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया था, और अब एक बार फिर इस रेड ने स्थानीय कारोबारियों और आम लोगों में चर्चा का माहौल बना दिया है।
प्रदेशभर में चल रही कार्रवाई
प्रदेश के अन्य जिलों में भी सर्राफा कारोबारियों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाइयां चल रही हैं। माना जा रहा है कि, यह अभियान अवैध संपत्ति, टैक्स चोरी और काले धन के नेटवर्क को उजागर करने के लिए चलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों के बीच इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ का मानना है कि यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सरकार की सख्त नीति का हिस्सा है।
