एनर्जी ऑडिट में बड़ा खुलासा: 22 शहरों ने खींच ली अनुबंध से ज्यादा बिजली, 20 करोड़ से अधिक की फिजूलखर्ची

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के 22 नगरीय निकायों के एनर्जी ऑडिट में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इन निकायों में 58 हाईटेंशन लाइनों से अनुबंध से अधिक बिजली खींची गई। इसकी वजह से इन निकायों में 20 करोड़ से अधिक की फिजूलखर्ची हो गई। इस मामले को लेकर राज्य शहरी विकास अभिकरण सूडा ने संबंधित निकायों को अवगत कराया है। साथ ही यह भी कहा है कि निकायों के सभी हाईटेंशन कनेक्शन में लागू करने के लिए विद्युत भार में परिवर्तन करना आवश्यक होगा। इसके लिए सीएसपीडीसीएल से समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही करने से वित्तीय बचत होगी।
यह गड़बड़ी राज्य के कई नगर निगमों में पाई गई है। इनमें नगर निगम रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर, बिरगांव, चिरमिरी, धमतरी एवं जगदलपुर शामिल हैं। नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में कांकेर, महासमुंद, अमलेश्वर, बलौदा बाजार, दल्लीराजहरा, गोबरा नवापारा, डोंगरगढ़, मनेन्द्रगढ़, पाटन एवं उतई शामिल हैं।
हाईटेंशन कनेक्शन में गड़बड़ी
निकायों के लिए ऑडिट संस्था द्वारा प्रस्तुत डेस्क ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 58 हाईटेंशन कनेक्शन की विसंगतियों के कारण छ.ग. विद्युत विनियामक आयोग द्वारा इलेक्ट्रसिटी सप्लाई कोड 2011 के टैरिफ अनुसार निकायों में विगत 25 माह (माह मार्च 2023 से मई 2025) में लगभग 20.30 करोड़ राशि का अतिरिक्त अपव्यय आंकलित किया गया है। ऑडिट संस्था द्वारा डेस्क ऑडिट रिपोर्ट में प्रत्येक कनेक्शन हेतु सुझाव प्रदान किए गए है, उक्त सुझावों को निकायों के सभी हाई टेंशन कनेक्शन में लागू करने हेतु विद्युत भार में परिवर्तन करना आवश्यक होगा। विद्युत भार में परिवर्तन हेतु सीएसपीडीसीएल से समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही करने से वित्तीय बचत होगी। यह भी कहा गया है कि एनर्जी बिल ऑडिट राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है, इसलिए ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन कर सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही करते हुये सीएसपीडीसीएल के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने का करें।
ये है मामला
प्रदेश के नगरीय निकायों में प्रचलित एनर्जी बिल ऑडिट रिफार्म कार्य अंतर्गत माध्यम से एनर्जी बिल ऑडिट निकायों के 84 हाई टेंशन कनेक्शन का डेस्क ऑडिट कार्य किया गया है, जिसमें आवश्यक विद्युत भार से अतिरिक्त अनुबंध भार, कम-उपयोग भार, अनुपयोग भार से संबंधित विभिन्न प्रकार की विसंगतियां पाई गई हैं। खास बात ये है कि छ.ग. विद्युत विनियामक आयोग द्वारा जारी इलेक्ट्रसिटी सप्लाई कोड 2011 के टैरिफ आदेश के अनुसार, यदि किसी माह में अधिकतम मांग, अनुबंधित मांग से अधिक हो जाती है, तो टैरिफ की सामान्य दर केवल अनुबंधित मांग तक तथा उसके अनुरूप ऊर्जा इकाइयों तक ही लागू होगी। अनुबंधित मांग से अधिक ली गई अतिरिक्त आपूर्ति उपभोग होने पर अनुबंध मांग के 20 प्रतिशत तक की अतिरिक्त मांग पर सामान्य टैरिफ का 15 गुना शुल्क लिए जाने एवं अनुबंध मांग से 20 प्रतिशत से अधिक की अतिरिक्त मांग पर सामान्य टैरिफ का दो गुना शुल्क लिए जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, यदि किसी माह में उपभोक्ता की अधिकतम मांग अनुबंध मांग के 80 प्रतिशत से कम पाई जाती है, तो अनुपयोगी मांग का भुगतान राशि 375 रुपए प्रति केवीए की दर से किए जाने का प्रावधान है।
