एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य का कारनामा: निजी SUV को कागज़ों में बना दिया एंबुलेंस, प्रतिमाह 35 हजार का होता है भुगतान

एकलव्य आवासीय विद्यालय जनकपुर
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 एकलव्य आवासीय विद्यालय जनकपुर

मनेंद्रगढ़ जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य ने अपने निजी वाहन को एंबुलेंस बना दिया। इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 35 हजार का भुगतान किया जाता है।

रविकांत राजपूत- मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय जनकपुर में बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां के प्राचार्य राजेश कुमार शर्मा ने अपनी निजी गाड़ी को कागजों में एंबुलेंस बताकर विद्यालय में अनुबंधित कर लिया है। इस गाड़ी के नाम पर 35 हजार प्रतिमाह किराया स्वीकृत किया गया है। वहीं घटना सामने आने के बाद प्राचार्य और ट्राइबल विभाग सवालों के घेरे में है।

दस्तावेज़ों के अनुसार, इस गाड़ी के नाम पर 35 हजार प्रतिमाह किराया स्वीकृत किया गया है और भुगतान सीधे प्राचार्य के बेटे शिवेश कुमार शर्मा के नाम दर्ज खाते में किया जा रहा है। नियमों के मुताबिक, एकलव्य विद्यालयों में आकस्मिक घटनाओं के लिए फुलटाइम एंबुलेंस की व्यवस्था अनिवार्य है, ताकि बच्चों को तत्काल उपचार मिल सके। लेकिन यहां पर एंबुलेंस की जगह निजी XUV को एंबुलेंस दिखाकर फर्जीवाड़ा किया गया है।


गंभीर अनियमितता का मामला
सरकारी नियमों के अनुसार, विद्यालय में एक मानक एंबुलेंस होनी चाहिए, जिसमें स्ट्रेचर, ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक चिकित्सा उपकरण मौजूद हों। लेकिन प्राचार्य ने अपने निजी वाहन को ही एंबुलेंस घोषित कर नियमों की धज्जियां उड़ा दीं। यह न केवल छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ है बल्कि सरकारी धन का सीधा दुरुपयोग भी है। यह पूरा मामला सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या विभागीय अधिकारी इस घोटाले पर कार्रवाई करेंगे या फिर इसे दबाकर जिम्मेदारों को बचाया जाएगा।

सवालों के घेरे में प्राचार्य और ट्राइबल विभाग
मामला सामने आने के बाद से प्राचार्य और ट्राइबल विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। कि, क्या छात्रों की सुरक्षा के साथ इस तरह खिलवाड़ को नजरअंदाज किया जा सकता है। या 10 माह बीत जाने के बाद भी जिले के ट्राइबल विभाग के अफसरों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। क्या यह पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है।

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