शराबी प्रधान पाठक पर गिरी गाज: संयुक्त संचालक ने किया निलंबित, छात्राओं ने लगाये थे अश्लील हरकतें करने के आरोप

शराबी प्रधान पाठक को संयुक्त संचालक ने किया निलंबित
मयंक शर्मा- जशपुर/ कोतबा। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के एक प्रधान पाठक (हेडमास्टर) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या सुरंगपानी का है, जहां प्रधान पाठक पर शराब के नशे में स्कूल आने और छात्राओं को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप सही पाया गया है।
संयुक्त संचालक (शिक्षा) सरगुजा संभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या सुरंगपानी के प्रधान पाठक गणेश राम चौहान के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच प्रतिवेदन में प्रधान पाठक पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। जांच के दौरान पाया गया कि, प्रधान पाठक गणेश राम चौहान शराब का सेवन कर विद्यालय में उपस्थित होते थे। छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि, छात्राओं से अश्लील तरीके से बात करते थे और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।
तत्काल प्रभाव से निलंबन
विभाग ने इसे शासकीय सेवक के पदीय गरिमा के विपरीत और अनैतिक कृत्य माना है। जिसके बाद अब अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए संयुक्त संचालक ने प्रधान पाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान गणेश राम चौहान का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, फरसाबहार (जिला जशपुर) नियत किया गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला
जिले के अंतिम छोर में पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत सुरंगपानी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक गणेश राम चौहान पर दो दर्जन से अधिक नाबालिग आदिवासी छात्राओं ने यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और अभद्र व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया था। शिक्षिकाओं से दुर्व्यवहार शराब के नशे में विद्यालय आने की पुष्टि होने के बाद भी हैरत की बात यह है था कि, अति संवेदनशील मामला होने और जांच में तथ्यों की पुष्टि होने के बावजूद पिछले 15 दिनों से विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठने के आरोप लगे थे।
शिक्षिकाओं के भी आरोप
संस्था में अध्ययनरत छात्राओं द्वारा की गई लिखित शिकायत और बयानों में रोंगटे खड़े कर देने वाले तथ्य सामने आए थे। पीड़ित दर्जनों छात्राओं व इसके साथ ही वहाँ पदस्थ दो महिला शिक्षिकाओं ने भी दुर्व्यवहार व मानसिक रूप से आहत करने का आरोप लगाते हुये कार्यवाही की मांग की है। मामले को लेकर बालिकाओं सहित शिक्षिकाओं ने संस्था के प्राचार्य दिनकर को लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की। इसके बाद प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी व पत्थलगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जाँच कर कार्यवाही करने लिखित शिकायत पत्र जारी किया।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
शिकायत को गंभीरता से लेते हुये बीईओ ने टीम गठित कर इसकी जांच की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। जांच टीम ने बालिकाओं सहित संस्था की महिला शिक्षिकाओं का बयान लिया। बालिकाओं ने अपने बयान में बताया हैं कि, प्रधान पाठक गणेश राम चौहान अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं। अध्यापन के दौरान वे शिक्षा देने के बजाय छात्राओं के गुप्तांगों और कपड़ों को लेकर अश्लील टिप्पणियां करते हैं और भद्दी गालियों का प्रयोग कर उनकी लज्जा भंग करते हैं।
शराब के नशे में स्कूल आने के भी आरोप
आरोप यह भी है कि, प्रधान पाठक छात्राओं को अपने घर बुलाकर उनसे कपड़े साफ करवाते हैं। इतना ही नहीं, विरोध करने या बात न मानने पर उन्हें स्कूल के सीलिंग फैन में उल्टा टांगने और उनके शारीरिक अंगों को लेकर बेहद आपत्तिजनक बातें कहकर क्लास रूम में ही सबके सामने जलील किया जाता है। वही छात्रों ने भी दिए बयान में बताया कि, प्रधान पाठक गणेश राम चौहान शराब के नशे में धुत होकर क्लास लेने आते है। उनके मुंह से शराब की गंध आती हैं। कुछ बात करने पर उल्टा लटका कर जान से मार देने की बात कहते हुए धमकाते है।
महिला शिक्षिकाओं को बस्तर भेजने की धमकी
प्रधान पाठक की प्रताड़ना से केवल छात्राएं ही नहीं, बल्कि स्कूल की महिला शिक्षिकाएं भी त्रस्त हैं। संस्था की दो महिला शिक्षिकाओं ने भी प्रधान पाठक पर दुर्व्यवहार और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। शिक्षिकाओं का कहना है कि जब वे इसका विरोध करती हैं, तो प्रधान पाठक उन्हें डराते हुए बस्तर के जंगली इलाकों में ट्रांसफर करवा देने की धमकी देते हैं।
जांच में पुष्टि, फिर भी कार्यवाही नहीं
पीड़ित छात्राओं और शिक्षिकाओं ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत संस्था के प्राचार्य दिनकर से की थी। प्राचार्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्थलगांव बीईओ (BEO) को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की। बीईओ द्वारा गठित जांच टीम ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं और शिक्षिकाओं के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, जांच में प्रधान पाठक के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि हो चुकी है और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बावजूद इसके, शिकायत के 15 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी प्रधान पाठक के खिलाफ कोई ठोस विभागीय या कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है। विभाग की यह उदासीनता संदेह के घेरे में है।
