मां लिंगेश्वरी मंदिर के खुले पट: संतान प्राप्ति की कामना लेकर दूर- दूर से पहुंचे भक्त, देर रात तक होंगे दर्शन

Maa Lingeshwari temple
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मां लिंगेश्वरी की पूजा- अर्चना करते हुए भक्त 

कोंडागांव जिले में स्थित प्रसिद्ध मां लिंगेश्वरी के एक दिन के लिए खोल दिए गए हैं। प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लिए संतान प्राप्ति की कामना से पहुंचे भक्त दर्शन कर रहे हैं।

कुलजोत संधू- फरसगांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में स्थित प्रसिद्ध मां लिंगेश्वरी के पट विधि- विधान से पूजा- अर्चना के बाद खोले दिए गए हैं। गुफा के द्वार खुलते ही पूजारियों ने उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की ओर बिल्ली के पद चिन्ह देखे। बिल्ली के पद चिन्ह क्षेत्र में भय और आतंक को दर्शता है। हर साल की तरह इस साल भी गुफा के बाहर से भक्त मां लिंगेश्वरी के दर्शन कर रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, इस साल 40 हजार से अधिक भक्त माँ के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। आस्था का जनसैलाब ऐसा है कि, 5 किलोमीटर से अधिक लम्बी कतार लगी है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साल में एक बार खुलने वाले इस मंदिर में आज देर रात तक दर्शन

होंगे।


खीरा खाने से होती है संतान प्राप्ति
मान्यता है कि, मां लिंगेश्वरी के दर्शन कर और पति- पत्नी के द्वारा एक साथ खीरा खाने से संतान की प्राप्ति होती है। इसी मान्यता के चलते लोग छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश से भी मां के दर पहुंचते हैं। इस साल भी करीब हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। जिसके चलते उन्हें कोई असुविधा न हो। नक्सलियों से सुरक्षा के लिए मेला स्थल में डीआरजी और सीएफ टीम की तैनात गई है। वहीं सुरक्षा 300 जवान और समिति द्वारा 250 वालेंटियर की भी तैनाती की गई है।


साल में एक बार खुलता है पट
आलोर गांव के झाटीबन के पहाड़ों की गुफा में मां लिंगेश्वरी का एक रहस्यमयी मंदिर है। यह मंदिर साल में केवल एक दिन के लिए भाद्रपद मास की नवमी के बाद पहले बुधवार को खुलता है। मंदिर में हर साल सैकड़ों लोग संतान प्राप्ति की कामना को लेकर आते हैं। कहते हैं कि, जो कोई सच्ची श्रद्धा से माता के सामने संतान प्राप्ति की कामना करता है उसकी मन्नत जरुर पूरी होती है।

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