डाइट बेमेतरा में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर स्मरण उत्सव: देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना से गूंजा परिसर

डाइट बेमेतरा में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर स्मरण उत्सव
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राष्ट्रगीत गाते हुए छात्र और छात्राएं 

बेमेतरा जिले के डाइट संस्थान में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य स्मरण उत्सव आयोजित हुआ। कार्यक्रम में छात्र-अध्यापकों ने देशभक्ति गीतों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं।

बेमेतरा। बेमेतरा जिले के सबसे बड़े शिक्षा संस्थान डाइट बेमेतरा में राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर स्मरण उत्सव का विद्या आयोजन किया गया। जिसमें देशभक्ति श्रद्धा और आध्यात्मिकता का भाव प्रमुख रहा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्थान के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. बसुबंधु दीवान रहे।

डॉ. बसुबंधु दीवान ने अपने उद्बोधन में डाइट के अकादमिक सदस्यों और छात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि, वंदे मातरम भारत माता के प्रति श्रद्धा और स्वतंत्रता के संकल्प का प्रतीक है। इस गीत ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में असंख्य देशभक्ति के दिलों में जोश और एकता का संचार किया। आज हमें फिर उसी राष्ट्रीय चेतना और समर्पण की भावना को जीवित रखना है।

हर भारतीय के भीतर राष्ट्रीय चेतना को निरंतर करता है प्रचलित- डॉ. बसुबंधु
डॉ बसुबंधु दीवान ने कहा कि, वंदे मातरम भारत माता की वंदना है जो उस कालखंड में लिखी गई जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। यह गीत नागरिकों को एकजुट करने और उनमें राष्ट्र प्रेम की ज्वाला जगाने वाला गीत है। यह हर भारतीय के भीतर राष्ट्रीय चेतना को निरंतर प्रचलित करता है। व्याख्याता डॉ. बसुबंधु दीवान ने छात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि, वन्दे मातरम भारत देश की आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि, 150 वर्ष पूर्व लिखें गए इस गीत ने देश की स्वतंत्रता संग्राम में नई चेतना और प्रेरणा का संचार किया था और आज भी यह गीत हर भारतीय के हृदय में राष्ट्रीय गर्व और मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव जागता है।


कार्यक्रम में इन्होंने ने दी प्रस्तुति
यह गीत केवल शब्द नहीं, बल्कि मां भारती की वह पुकार है जिसने देश को स्वतंत्रता की मार्ग पर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि, यह हमारा कर्तव्य है कि नई पीढ़ी को इस गीत के संदेश और भावना से जोड़ा जाए। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में आयोजित इस भव्य आउट गरिमामय कार्यक्रम में डाइट के छात्र अध्यापिका संगीता साहू, आरती जांगड़े, योगेश साहू, श्रिया कंवर, करुणा राऊत, चंद्रकला साहू, कोमल शर्मा, राजनंदनी साहू, निधि देवांगन, राहुल देवांगन, शिवमणि यादव, मोतीराम ध्रुवे ने अपनी सुंदर प्रस्तुति दी।


देशभक्ति के इन गीतों की दी गई प्रस्तुति
छात्र अध्यापक करुणा राऊत ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनंद मठ में वर्णित 6 पद का गायन भी प्रस्तुत किया। छात्र अध्यापिका चंद्रकला साहू ने तिरंगे इत्र से दुनियां को महकाती रहूंगी शीर्षक से सुंदर गीत प्रस्तुत किया। जबकि, मोतीराम ध्रुव ने होंठो पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो नामक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डाइट के व्याख्याता थलज कुमार साहू ने किया।

इस अवसर पर ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर जिला मिशन समन्वयक डीएमसी राजकुमार वर्मा, संस्थान की वरिष्ठ व्याख्याता उषा किरण पांडेय, कीर्ति घृतलहरे, श्रद्धा तिवारी सहित डीएलएड के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के सभी छात्र अध्यापक उपस्थित रहे।

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