अतिक्रमण से सांकरा के ग्रामीण परेशान: प्रशानिक अनदेखी के चलते हटानी पड़ी नन्दी की मूर्ति, ग्रामीणों में आक्रोश

प्रशानिक अनदेखी के चलते हटानी पड़ी नन्दी की मूर्ति, ग्रामीणों में आक्रोश
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नगरी के नंदी चौक को विस्थापित करने पहुंची क्रेन  

नगरी ब्लाक का सबसे बड़ा गांव इन दिनो प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। अतिक्रमण और गंदगी का आलम यह है कि, ग्रामीणों को नंदी की मूर्ति हटानी पड़ी।

गोपी कश्यप- नगरी। धमतरी जिले के नगरी ब्लाक के सांकरा गांव में अतिक्रमण और गंदगी के चलते नंदी की मूर्ति विस्थापित करनी पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि, प्रशासनिक अनदेखी और अतिक्रमण के चलते गांव में ऐसे हालात पैदा हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि, नगरी ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत सांकरा पहले विकास कार्यों के लिए दो बार प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। वहीं अब अतिक्रमण और प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम के मध्य में स्थित नंदी चौक पर नंदी भगवान की मूर्ति स्थापित की गई थी, जिसे समाजसेवी स्वर्गीय महेश सिन्हा ने वर्षों पहले ग्राम की आस्था और गौरव के प्रतीक के रूप में बनवाया था। अब मूर्ति अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है।

नंदी भगवान की मूर्ति का अपमान
ग्राम के इस ऐतिहासिक चौक पर स्थापित नंदी भगवान की मूर्ति समाजसेवी स्वर्गीय महेश सिन्हा द्वारा वर्षों पहले बनवाई गई थी, अब यह स्थल गंदगी, खुले चखने के ठेले और शराबियों के उत्पात से दूषित हो चुका है। समाजसेवी हितेश महेश सिन्हा ने बताया कि, 'यह हमारे भगवान का अपमान है, प्रशासन और जनप्रतिनिधि के मौन होने के कारण हमें मजबूर होकर क्रेन की मदद से नंदी भगवान को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करना पड़ा।

निरीक्षण पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि, जब पंचायत को विकास अवार्ड देने के लिए अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया, तब अतिक्रमण की स्थिति को नजरअंदाज किया गया या छिपाया गया अगर वास्तविक रिपोर्ट दी जाती, तो आज यह स्थिति नहीं बनती।

सौंदर्यीकरण की मांग अनसुनी
हितेश सिन्हा ने बताया कि नंदी चौक और स्वतंत्रता सेनानी शहीद आदित्य कुमार साहू द्वारा स्मारक के सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई की मांग कई बार की गई थी, यदि प्रशासन ध्यान देता, तो यह स्थल ग्राम की पहचान बन सकता था, लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी ने इसे उपेक्षा का प्रतीक बना दिया है।

अतिक्रमण के पीछे आर्थिक स्वार्थ?
ग्रामीणों में यह भी चर्चा है कि राजस्व भूमि की अवैध बिक्री और आर्थिक स्वार्थ के कारण प्रशासन कार्रवाई से बच रही है। लोगों का यह भी कहना है कि, 'जब धन की बात आती है, तो अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों मौन हो जाते हैं, क्या पैसे के आगे सब झुक गए हैं, इसलिए अब हमारे भगवान को भी हटना पड़ रहा है?'

अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई की मांग
नंदी चौक का यह मामला अब पूरे क्षेत्र में आस्था और व्यवस्था के टकराव का प्रतीक बन गया है, ग्रामीणों की मांग है कि अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई हो और नंदी चौक को उसके पुराने गौरव के साथ पुनर्स्थापित किया जाए।

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