बस्तर की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान: जनजातीय गौरव माह में विद्वानों ने जनजातीय समाज के इतिहास और संस्कृति पर दिया वक्तय

बस्तर की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान : जनजातीय गौरव माह में विद्वानों ने जनजातीय समाज के इतिहास और संस्कृति पर दिया वक्तय
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छात्रों को संबोधित करते मुख्य वक्ता 

आदर्श महाविद्यालय में जनजातीय समाज के गौरवपूर्ण इतिहास, सामाजिक संरचना और आध्यात्मिक समृद्धि पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अनिल सामंत- जगदलपुर। स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालय में जनजातीय समाज के गौरवपूर्ण इतिहास, सामाजिक संरचना और आध्यात्मिक समृद्धि पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा एवं वीर जनजातीय महापुरुषों के जय-चित्रों पर माल्यार्पण कर किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव गुहे ने स्वागत भाषण में कहा कि जनजातीय समाज भारतीय सभ्यता का मूलस्वरूप है और बस्तर की जनजातियाँ ज्ञान, कला, परंपरा तथा साहस की धरोहर को संरक्षित किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि, इस अमूल्य विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाना वर्तमान पीढ़ी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्य अतिथि ने जनजातीय समाज की भूमिका पर डाला प्रकाश
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ. सुभाऊ कश्यप ने जनजातीय समाज की ऐतिहासिक भूमिका, प्रकृति संरक्षण, जल-जंगल-जमीन की रक्षा और सामुदायिक जीवन की परंपराओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय ने सदियों से समाज को आदर्श जीवन मूल्य प्रदान किए हैं तथा शिक्षा, अधिकार और आर्थिक उन्नयन की दिशा में हो रहे कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


पाश्चात्य इतिहासकारों ने जनजातीय समाज के इतिहास को नहीं किया प्रस्तुत
मुख्य वक्ता स्वप्निल तिवारी ने कहा कि पाश्चात्य इतिहासकारों ने जनजातीय समाज की वास्तविक गौरवगाथा को सही रूप में प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने जनजातीय अध्यात्म, कला, त्योहार, संस्कृति और प्रकृति के साथ उनके समन्वय को भारत की सांस्कृतिक नींव बताया। उन्होंने कहा कि सभी समाजों को मिलकर जनजातीय इतिहास के पुर्नमूल्यांकन और प्रसार में सहयोग करना चाहिए।

वृक्षारोपण और कैंटीन उद्घाटन ने बढ़ाया उत्साह
मुख्य अतिथि सुभाऊ कश्यप ने परिसर में नारियल के वृक्ष लगाए, जिससे हरियाली एवं पर्यावरण संरक्षण के संदेश को बल मिला। साथ ही महाविद्यालय की बहु-प्रतीक्षित कैंटीन का उद्घाटन भी किया गया, जिसके शुरू होते ही विद्यार्थियों में उत्साह देखने को मिला।

जनजातीय इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म का संरक्षण
स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जनजातीय इतिहास,संस्कृति और अध्यात्म के संरक्षण पर मुख्य अतिथि सुभाऊ कश्यप और मुख्य वक्ता स्वप्निल तिवारी ने विस्तृत विचार रखे। प्राचार्य डॉ. राजीव गुहे ने जनजातीय समाज को भारतीय सभ्यता का आधार बताया। कार्यक्रम में वृक्षारोपण, कैंटीन उद्घाटन तथा जनजातीय गौरव माह के उद्देश्यों पर जोर दिया गया। संयोजन मनीषा टाइगर और डॉ निलेश तिवारी ने किया, जबकि विद्यार्थियों और स्टाफ की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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