हिड़मा का एनकाउंटर नहीं हत्या हुई: CPI ML ने कहा- यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा, न्यायायिक जांच हो

CPI ML प्रेस नोट जारी कर हिड़मा के एनकाउंटर की निंदा की
गणेश मिश्रा- बीजापुर। देश के कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा के एनकाउंटर के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( न्यू डेमोक्रेसी ) ने प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें न्यू डेमोक्रेसी के सचिव सूर्यम ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि, हिडमा और अन्य साथियों को मुठभेड़ में नहीं बल्कि उन्हें यातनाएं देकर हत्या की गई है। हम सरकार से अपील करते हैं कि, इसकी न्यायायिक जांच की जाये।
प्रेस नोट में कहा गया है कि, हिड़मा को मुठभेड़ में नहीं बल्कि पकड़कर यातनाएं देकर उसकी हत्या की गई है। उसके बाद शव को पूर्वी गोदावरी के जंगलों में फेंक दिया गया। CPI ML नेता ने यह आरोप भी लगाया है कि, नक्सलियों के केंद्रीय समिति के महासचिव टिप्पानी तिरुपति उर्फ देवजी और कुछ अन्य नक्सली नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद अब उन्हें भी यातनाएं दी जा रही है।
मुठभेड़ के नाम पर हत्या के आरोप
सूर्यम ने प्रेस नोट में लिखा- देवजी को भी जान का खतरा है। तत्काल देवजी की गिरफ्तारी शो किया जाए। साथ ही एनकाउंटर के नाम पर हिड़मा और अन्य साथियों की हत्या की सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीशों से जांच कराई जाए। हम केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि, वे मुठभेड़ के नाम पर हिड़मा और अन्य लोगों की हत्याओं की जांच की जाये।

केंद्र सरकार फैला रही झूठी कहानी
हम लोकतांत्रिक ताकतों और जनता से अपील करते हैं कि, वे मुठभेड़ के नाम पर माओवादी पार्टी के नेताओं की हो रही हत्याओं की निंदा करें। वहीं भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति के सचिव तिप्पानी तिरुपति और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की तुरंत घोषणा की जाए। केंद्र की मोदी सरकार माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य हिडमा और पाँच अन्य लोगों के साथ हुई मुठभेड़ की कहानी फैला रही है।
नक्सलियों की गिरफ़्तारी कर दी जा रही यातनाएं
केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा- हमारे साथियों को विजयवाड़ा क्षेत्र में उन्हें यातनाएँ दीं गई। इसके बाद क्रूरतापूर्वक उनकी हत्या कर शवों को पूर्वी गोदावरी जिले के मारेदुमिल्ली जंगलों में फेंक दिय। हम मुठभेड़ के नाम पर हुई हत्या की निंदा करते हैं। इसी प्रकार हमारे अन्य साथियों की गिरफ़्तारी कर उन्हें यातनाएं दी जा रही है। केंद्र और आंध्र प्रदेश राज्य सरकार तिरुपति और अन्य नेताओं की जान को खतरे में डाले बिना उनकी गिरफ्तारी की सार्वजनिक घोषणा करें।
