कफ सिरप को लेकर प्रशासन सख्त: मेडिकल स्टोर्स में औचक जांच जारी, बिक्री पर लगी पाबंदी

मेडिकल स्टोर्स में औचक जांच जारी
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कफ सिरप को लेकर प्रशासन सख्त

डोंगरगढ़ ब्लॉक में कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप दिए जाने पर बन लगा दिया गया है।

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। मध्यप्रदेश में कोर्डिफ कफ सिरप से 17 बच्चों की मौत के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। छत्तीसगढ़ शासन ने भी तात्कालिक एडवाइजरी जारी कर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप दिए जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक में भी प्रशासन ने आदेश के पालन का दावा किया है।

स्वास्थ्य विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हालत में कफ सीरप न दिया जाए। डोंगरगढ़ में एसडीएम एम. भार्गव ने बताया कि, मेडिकल स्टोर्स में औचक जांच जारी है। कुछ दुकानों में श्री सन कंपनी की अन्य दवाइयां मिली हैं, जिनकी बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। लगातार निगरानी की जा रही है। किसी भी दुकान में प्रतिबंधित सीरप या संदिग्ध कंपनी की दवाइयां मिलीं तो सख्त कार्रवाई होगी।

झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर उठे सवाल
डोंगरगढ़ क्षेत्र में दर्जनों झोलाछाप और बीएएमएस (BAMS) डॉक्टर, खुलेआम एलोपैथिक इलाज कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये तथाकथित डॉक्टर बिना किसी बाल-रोग विशेषज्ञ की सलाह के, छोटे बच्चों को खुद दवा लिखकर देते हैं। कई तो अपनी क्लीनिक में भर्ती तक करते हैं, और वहीं ऑपरेशन जैसी गतिविधियाँ भी चलाते हैं। प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद इन पर अब तक कड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पन्नालाल बाफना (एमबीबीएस, एमएस) ने कफ सीरप से जुड़े वैज्ञानिक पहलुओं को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि, कफ सीरप में मौजूद रासायनिक तत्व छोटे बच्चों के शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। दो साल से कम उम्र के बच्चों को कोई भी कफ सीरप नहीं देना चाहिए। कुछ कंपनियाँ ‘जूनियर’ नाम से सीरप बेचती हैं, लेकिन वो भी दो से पाँच साल के बच्चों के लिए ही सुरक्षित हैं, उससे कम उम्र में नहीं।

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