सहकारी बैंक कर्मियों ने फूंका आंदोलन का बिगुल: पांच वर्षों से वेतनवृद्धि रुकी, उठी न्याय की मांग

सहकारी बैंक कर्मचारी
X

प्रदर्शन करते बैंक कर्मी

सहकारी बैंक कर्मियों ने अवकाश लेकर किया प्रदर्शन। 17 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी। कर्मचारियों ने कहा- शासन पर नहीं पड़ेगा कोई वित्तीय बोझ, फिर भी रोका गया हक।

अनिल सामंत- जगदलपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ ने पांच वर्षों से लंबित वेतनवृद्धि को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। कर्मचारियों ने बैंक मुख्यालय में एक दिवसीय अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे बस्तर संभाग की सहकारी बैंक शाखाओं का कामकाज पूरी तरह ठप रहा।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि, सहकारी बैंक के कर्मचारी स्वयं के लाभ से वेतन प्राप्त करते हैं। पंजीयक सहकारी संस्थाएं, छत्तीसगढ़ द्वारा निर्धारित मापदंडों की पूर्ति नहीं होने के कारण वर्ष 2020 से वेतनवृद्धि रुकी हुई थी। मार्च 2025 में सभी मापदंड पूरे किए जा चुके हैं, इसके बावजूद पंजीयक द्वारा आदेश जारी न करना संविधान और न्याय दोनों का उल्लंघन है।


17 नवंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि, यदि शीघ्र वेतनवृद्धि का आदेश जारी नहीं हुआ तो 17 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। इससे किसानों को धान खरीदी भुगतान, ऋण वितरण व विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर बाधा उत्पन्न होगी। संघ ने सहकारिता मंत्री एवं पंजीयक से अपील की है कि वे कर्मचारियों की रुकी हुई वेतनवृद्धि तत्काल मंजूर करें, जिससे समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से संभव हो सके।

5 वर्षो की अपेक्षा अब हो चला असहनीय
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ का कहना है कि, पांच वर्षों की प्रतीक्षा अब असहनीय हो चुकी है। बैंक ने मापदंड पूरे कर लिए हैं, फिर भी वेतनवृद्धि रोकना अन्याय है। हम अपने हक की लड़ाई संविधान सम्मत तरीके से जारी रखेंगे।

इनकी रही सक्रिय भागीदारी
धरना प्रदर्शन में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुमित सागर गुप्ता, सचिव मोरध्वज तिवारी समेत नरसिंग यादव, पंकज पांडे, गीता नायक, तुषार देवांगन, नंद किशोर पांडे, समीर साहू, अवनीश विश्वकर्मा, भूपेंद्र साहू, श्रवण कुमार शर्मा, गिरीश शर्मा समेत समस्त बैंक कर्मी सम्मलित थे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story