कच्ची सड़क निर्माण को लगा प्रशासन का ग्रहण: बोले- बिना रॉयल्टी मुरम की हो रही थी अवैध खुदाई, ट्रैक्टर और जेसीबी जब्त

निर्माण कार्य में लगे ट्रैक्टर को प्रशासन ने किया जब्त
कृष्ण कुमार यादव- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की किसानों की मांग को अब ग्रहण लग गया है। यहां के ग्राम बदकीमहरी के दहेजवार से धान मंडी तक बनने वाली कच्ची सड़क को स्थानीय प्रशासन ने रोक दिया है। साथ ही कार्य में लगे ट्रैक्टर और जेसीबी जब्त कर लिए हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि, गैर रॉयल्टी के मुरम की अवैध खुदाई कर सड़क बनाई जा रही थी।
दरअसल, कलेक्टर धान खरीदी का जायजा लेने धान मंडी में पहुंचे थे। इसी दौरान कलेक्टर की नजर मुरम भरे ट्रैक्टरों पड़ी, कलेक्टर ने एसडीएम को मुरम से भरी ट्रैक्टरों के पड़ताल करने के निर्देश दिए। बता दे कि, मुख्यालय में धान खरीदी के लिये बड़कीमहरी गांव में धान खरीदी केंद्र स्थापित किया गया है और खरीदी केंद्र तक सुगम आवागमन हो इसके लिये सड़क निर्माण की मांग किसान कर रहे थे।
बलरामपुर जिले के ग्राम बदकीमहरी से धान मंडी तक बनने वाली कच्ची सड़क को प्रशासन ने रोक दिया है। इस दौरान प्रशासन ने कार्य में लगे ट्रैक्टर और जेसीबी जब्त कर लिया है। @BalrampurDist #Chhattisgarh #road pic.twitter.com/LUXIObpM4a
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) November 24, 2025
प्रभारी सचिव शरण को भी लगे थे हिचकोले
जिले के प्रभारी सचिव अवनीश कुमार शरण 18 नवंबर से 19 नवंबर तक जिले के प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने बड़कीमहरी धान मंडी का निरीक्षण किया था। उन्होंने खुद बलरामपुर एसडीएम से कहा था कि, कैसे रोड में लेकर आये हो, अब आप खुद समझ सकते है कि, जब प्रभारी सचिव को मंडी तक पहुंचने में परेशानी हुई तो भला किसानों को कितनी परेशानी होती होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
अवैध उत्खनन की प्रशासन को सुध नहीं
सेन्दूर, चनान नदी सहित कई ऐसे स्थान है जहां से अवैध उत्खनन धड़ल्ले से होता है लेकिन स्थानीय प्रशासन इन सब पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करता है। नियमों का मखौल सड़क में उड़ते धूल के गुब्बारों की तरह उड़ाया जाता है। बात यहां पर प्रशासन के कार्यवाही के विरोध का नहीं है बल्कि किसानों के साथ जुड़ी भावनाओं का सम्मान का है ताकि किसानों को मंडी पहुंचने में परेशानी ना हो।
किसानों की पीड़ा का आभास होना चाहिए- धीरज
इधर जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव ने कहा कि, प्रदेश में सुशासन की सरकार है और भाजपा शुरू से किसान हितैषी रही है। किसानों की मांग पर सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत कराया गया था और काम भी तेजी के साथ पूरा हुआ था। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने मुरम का रॉयल्टी मांग कर काम बंद करा दिया। कुल मिलाकर रॉयल्टी से किसानों का कोई लेना देना नहीं है। बात सड़क की थी प्रशासन को किसानों की पीड़ा का आभास होना चाहिए। ऐसे मामलों में किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त से बाहर है।
