कांस्टेबल भर्ती परीक्षा: गड़बड़ी को लेकर दायर सभी याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा : गड़बड़ी को लेकर दायर सभी याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज
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कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर पेश जनहित याचिका को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।

रायपुर। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर पेश जनहित याचिका को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। चयनित अभ्यर्थियों के भी याचिका में शामिल होने पर चीफ जस्टिस ने कहा कि, आप खुद पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो, सरकारी नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है। 7 में से 4 याचिकाकर्ता परीक्षा में पहले ही चयनित हो चुके हैं, उसके बाद भी इन लोगों ने कोर्ट की शरण ली है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से साफ कहा कि, इस पीआइएल की जरूत क्यों पड़ी, जब आपका चयन हो चुका है।

दरअसल, राज्य लोक सेवा आयोग के अंतर्गत गत वर्ष 2024 में पुलिस आरक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित कराई गई थी। चयन से पहले इसमें राजनांदगांव में सभी शामिल अभ्यर्थियों की एक शारीरिक दक्षता परीक्षा भी कराई गई। पुलिस की इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद भी जब तक फिजिकल फिटनेस में कोई अभ्यर्थी पूरी तरह खरा नहीं उतरता तब तक उसका अंतिम चयन नहीं हो सकता है। इस टेस्ट के दौरान राजनांदगांव में विभागीय अधिकारियों की ओर से भारी गड़बड़ी करने और अपने परिचितों के पक्ष में निर्णय कराने के आरोप लगाए गए थे। इसे ही लेकर सात अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पेश की है।

प्रक्रिया रद्द कर शासन ने जांच कराई
महाधिवक्ता प्रफुल्ल और भारत में शासन का पक्ष रखते हुए बताया कि भर्ती की प्रक्रिया के शुरुआत में राजनांदगांव में गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी और स्वतः संज्ञान लेकर जांच कराई गई। फिर राजनांदगांव सहित 9 जिलों में गड़बड़ी की जांच की गई। जिसमें 5 जगह पर योग्य उम्मीदवार मिले। वहीं बाकी चार जगह जिसमें राजनांदगांव शामिल था, उसमें जांच कर फिर की गई और कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच भी कराई गई है। शासन की ओर से यह भी कहा गया कि अन्य याचिकाकर्ता जिनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, उन्हें उचित मंच के समक्ष उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार है।

4 याचिकाकर्ता देंगे फिजिकल टेस्ट
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता बी.पी. सिंह ने कहा कि जिन पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे, उन्हें फिर से चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया है। जो कंपनी इसमें शामिल थी। अभी वह काम कर रही है। राज्य की ओर से महाधिवक्ता ने बताया कि गड़बड़ी सामने आने पर जांच में कुछ जिलों में अनियमितता पर कार्रवाई की गई। याचिकाकर्ताओं में से 4 अभ्यर्थी 14 सितंबर 2025 को होने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल होंगे। अदालत ने कहा कि अन्य अभ्यर्थी अंतिम नियुक्ति के बाद उचित मंच पर चुनौती दे सकते हैं। अंततः याचिका वापस लिए जाने के कारण खारिज कर दी गई।

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