SIR के लिए कांग्रेस की रणनीति: वरिष्ठ नेता और लोकसभा प्रभारी करेंगे निगरानी

SIR के लिए कांग्रेस की रणनीति : वरिष्ठ नेता और लोकसभा प्रभारी करेंगे निगरानी
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छत्तीसगढ़ में हो रही एसआईआर की निगरानी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस के सभी बीएलए का प्रशिक्षण उसी विधानसभा क्षेत्रों में तत्काल किया जायेगा।

रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में हो रही एसआईआर की निगरानी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस के सभी बीएलए का प्रशिक्षण उसी विधानसभा क्षेत्रों में तत्काल किया जायेगा। हर विधानसभा क्षेत्र के दो वरिष्ठ नेताओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त किया जायेगा। मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण प्रदेश मुख्यालय में किया जायेगा।

राजीव भवन में हुई बैठक में यह भी तय किया गया कि सारे वरिष्ठ नेता तथा लोकसभा प्रभारी अलग-अलग क्षेत्रों में एसआईआर के काम की निगरानी करेंगे। जिला कांग्रेस ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों, मंडल एवं जोन कमेटियों के साथ विधायकों एवं विधानसभा प्रभारियों, सभी निर्वाचित पदाधिकारियों से एसआईआर के काम में गंभीरता से जुटने का निर्देश दिया गया है।

एसआईआर का समय बढ़ाने की मांग
कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार से मिलकर 6 बिन्दुओं का ज्ञापन सौंपा। एसआईआर की सीमा बढ़ाने एवं गहन पुनरीक्षण के काम की परेशानियों के निराकरण की मांग रखी। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री मोहन मरकाम, ताम्रध्वज साहू, पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू, विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह, शैलेश नितिन त्रिवेदी, सफी अहमद, महामंत्री सकलेन कामदार, कन्हैया अग्रवाल, मो. सिद्दिक उपस्थित थे।भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर के मध्य छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनिरीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उक्त निर्धारित तिथि में प्रदेश के लगभग 2 करोड़ से अधिक मतदाताओं के बीच पहुंचकर गणना पत्रक तैयार कर पाने के लिए समय सीमा की कमी महसूस की जा रही है। चूंकि प्रदेश में वर्ष 2028 में विधानसभा चुनाव निर्धारित है, ऐसे स्थिति में पर्याप्त समय के साथ प्रमाणिक एवं सटिक डाटा उपलब्ध कराया जा सकता है।

कांग्रेस ने रखी ये 6 मांगें
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी मांग करती है कि निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लोगों को सूचना, शिकायत दर्ज करने और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने पर्याप्त समय उपलब्ध हो। राज्य ग्रामीण, आदिवासी एवं वन जंगल क्षेत्रों से घिरा हुआ है। अनेक गांव दूरस्थ हैं जहां संचार या परिवहन की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं, इन क्षेत्रों के नागरिकों के पास अपने दस्तावेज व्यवस्थित रूप से रखने या प्राप्त करने में स्वाभाविक कठिनाइयां होती हैं। उन्हें अपने दस्तावेज जुटाने, सत्यापन कराने और नाम शामिल व सुधार के लिए अधिक समय मिलना न्यायसंगत और आवश्यक है। हाल ही में बस्तर क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण अनेक परिवार विस्थापित हुए हैं, घर, सम्पत्ति को क्षति पहुंची है साथ ही, स्थानीय लोग अब भी पुनर्वास की प्रक्रिया में है, जिनके दस्तावेज और पहचान प्रमाण नष्ट या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे समय में संवेदनशील जनसमूह से अपेक्षित सहभागिता मिलना कठिन है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में धान कटाई, मिंजाई का कार्य चल रहा है, जिसमें कृषक एवं ग्रामीण जन व्यस्त होने के कारण उक्त कार्यक्रम में भाग नहीं ले पायेंगे।

ये लोग रहे मौजूद
इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम, सह संयोजक पूर्व मंत्री नेंद्र साहू, रविन्द्र चौबे, उमेश पटेल, राघवेन्द्र सिंह, अरूण वोरा, राजेन्द्र साहू, शैलेश नितिन त्रिवेदी, बिरेश ठाकुर, शफी अहमद, तारणी चंद्राकर, महामंत्री सकलेन कामदार, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।

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