भाकपा के 100 वर्ष पूरे: जगदलपुर में 20 दिसंबर को होगा जनसमारोह, पोलित ब्यूरो सदस्य और राष्ट्रीय पदाधिकारी होंगे शामिल

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारी
अनिल सामंत- जगदलपुर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की स्थापना वर्ष 1925 को हुए 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पार्टी ने 20 दिसंबर को बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी भाकपा छत्तीसगढ़ राज्य सचिव साजी ने रविवार को बस्तर जिला पत्रकार संघ कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि शताब्दी समारोह के तहत गीदम रोड स्थित कोया समाज से पुराने मंडी प्रांगण तक विशाल रैली निकाली जाएगी, जिसमें प्रदेशभर से लगभग 5 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे।
राज्य सचिव के साजी ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम पुराने मंडी परिसर में आयोजित होगा। जहां वरिष्ठ एवं दिवंगत कामरेडों का सम्मान किया जाएगा। कार्यक्रम में सांसद पी संतोष कुमार मुख्य अतिथि होंगे। पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य एवं राष्ट्रीय सचिव एनी राजा, ओड़िसा से रामकृष्ण पंडा सहित छत्तीसगढ़ और बस्तर के प्रदेश, संभाग व जिला स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे। प्रमुख साथी के रूप में रामनाथ सरफे की उपस्थिति रहेगी।
नक्सली समर्थक बताकर 10 निर्दोष लोगों को जेल में रखने का आरोप
आदिवासी अधिकार, निजीकरण और सरकार पर तीखे आरोप लगाते प्रेसवार्ता में के साजी ने कहा कि भाकपा का उद्देश्य आदिवासी और गैर-आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करना है तथा जल-जंगल-जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने चुनावी राजनीति पर स्पष्ट किया कि बढ़ते खर्च के कारण पार्टी चुनाव से दूर रही है। सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाकपा को नक्सली समर्थक बताकर 10 निर्दोष लोगों को जेल में रखा गया है। बैलाडीला माइंस के आवंटन और नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और बस्तरवासियों से एकजुट संघर्ष का आह्वान किया।
जनसमस्याओं पर प्रस्ताव पारित होगा
भाकपा शताब्दी समारोह के तहत 20 दिसंबर को सुबह गीदम रोड कोया समाज से रैली प्रारंभ होकर पुराने मंडी प्रांगण पहुंचेगी। जहां राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की उपस्थिति में जनसभा आयोजित होगी। वरिष्ठ एवं दिवंगत कामरेडों का सम्मान किया जाएगा। आदिवासी अधिकार,निजीकरण विरोध और जनसमस्याओं पर प्रस्ताव पारित होंगे तथा पार्टी आगामी संघर्ष की दिशा तय करेगी।
