छत्तीसगढ़ में शीतलहर: पारा सामान्य से 4.5 डिग्री नीचे, सरगुजा ठंड से बेहाल

छत्तीसगढ़ में शीतलहर:पारा सामान्य से 4.5 डिग्री नीचे, सरगुजा ठंड से बेहाल
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पश्चिम एवं पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं के प्रभाव से शहर सहित पूरा सरगुजा संभाग पिछले दो दिनों से शीतलहर की चपेट में है।

अम्बिकापुर। पश्चिम एवं पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं के प्रभाव से शहर सहित पूरा सरगुजा संभाग पिछले दो दिनों से शीतलहर की चपेट में है। न्यूनतम पारा के सामान्य से 4.5 नीचे पहुंचने के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड से पठारी क्षेत्रों का बुरा हाल है तथा पारा 4.0 डिग्री सेल्सियस पर स्थित है। पश्चिम एवं पश्चिमोत्तर की बर्फीली हवाओं के प्रभाव से पिछले एक सप्ताह से पारा में लगातार गिरावट हो रही है जिससे शनिवार को पारा में तेज गिरावट दर्ज की गई थी तथा न्यूनतम तापमान गिरकर 4.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। पठारी क्षेत्र मैनपाट सामरीपाट एवं लहसून पाट के पारा में तेज गिरावट दर्ज की गई थी। तापमान 4 डिग्री के निकट पहुंच गया था।

नवम्बर में रिकॉर्ड ठंड पड़ने के बाद शनिवार को पारा में रिकॉर्ड गिरावट होने के कारण क्षेत्रवासी ठंड से बेहाल रहे। कड़ाके की ठंड पड़ने के साथ शनिवार से आसमान पर ऊपरी स्तर के छिटपुट बादलों की आवाजाही भी जारी है, लेकिन ठंड पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ा है। रविवार को तापमान में आंशिक गिरावट दर्ज की गई है लेकिन शीतलहर पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ा है। रविवार को न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री की गिरावट के साथ 5.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। जबकि छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट सहित अन्य पठारी क्षेत्रों का पारा 4.0 डिग्री के निकट स्थित है। दिन में पश्चिमोत्तर की सर्द हवाएं चलने के कारण जनजीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। सुबह खेत-खलिहानों में पाला की सफेद चादर बिछ जा रही है। पारा में अधिक गिरावट होने के बावजूद ठंड से राहत नहीं मिली है। अभी भी पारा सामान्य से 4.5 डिग्री नीचे है तथा वातावरण की शुष्कता में लगातार वृद्धि हो रही है।

मैनपाट में बिछी पाला की सफेद चादर
छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट, बलरामपुर के सामरी पाट एवं लहसून पाठ में दिन में भी पश्चिमोत्तर की हवाएं चल रही हैं तथा दिन में भी कड़ाके की ठंड महसूस हो रही है। ठंड बढ़ने के कारण लोग दिन निकलने के बाद ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं तथा शाम ढलने के पूर्व ही घर पहुंच जा रहे हैं। ठंड बढ़ने से खेती के कार्य भी प्रभावित हो गए हैं। सुबह चारो तरफ पाला की सफेद चादर बिछ जा रही है तथा रात में धुंध बढ़ जा रही है।

दो दिनों तक ठंड से नहीं मिलेगी राहत
मौसम विज्ञानी के अनुसार, उत्तर भारत में एक कमजोर पछुआ विक्षोभ सक्रिय है लेकिन विक्षोभ उत्तर भारत से पहुंच रही शीतलहर को प्रभावित करने योग्य नहीं है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, ओड़िशा एवं झारखण्ड भी शीतलहर से प्रभावित हैं। सर्द हवाओं का प्रवाह जारी रहने के कारण आगामी दो दिनों तक ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट ने बताया कि पश्चिमोत्तर की सर्द हवाओं का प्रवाह लगातार जारी है। दो दिन बाद पारा में कुछ वृद्धि होने की संभावना है।


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