अतिक्रमण पर प्रशासन की सख्ती: सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण पर लगाई रोक, कलेक्टर ने कार्रवाई के दिए निर्देश

अतिक्रमण पर प्रशासन की सख्ती
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सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण पर लगाई रोक 

नगरी सीएमओ ने सरकारी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने नियम विरुद्ध हो रहे अवैध भवन निर्माण पर रोक लगा दी है।

गोपी कश्यप- नगरी। छत्तीसगढ़ के नगरी में सरकारी जमीन पर हो रही अवैध निर्माण पर सीएमओ ने रोक लगा दी है। सीएमओ वर्मा ने कहा कि, निर्माण का नियमितीकरण कराने के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज और नगर पंचायत की स्वीकृति लेना अनिवार्य है। यदि निर्धारित समया में यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो निर्माण को अवैध मानते हुए तोड़ दिया जायेगा। बीते दिनों मामले में हरिभूमि डॉट कॉम ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।

नगर पंचायत नगरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्मा ने कहा है कि, बिना अनुमति किए गए किसी भी निर्माण को वैध नहीं माना जाएगा और आवश्यकतानुसार उन्हें तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी। नगरी- धमतरी मार्ग में सिंचाई विभाग की नहर के पास विनय नारंग भवन निर्माण कर रहे हैं। इस संबंध में लगभग दस दिन पूर्व जानकारी प्राप्त होने पर उन्हें प्रथम नोटिस जारी किया गया था।

10 से 15 दिनों में पूरी होगी जांच
इस विषय पर एसडीएम नगरी प्रीति दुर्गम ने कहा कि, सिंचाई विभाग की नहर और नाली की भूमि से संबंधित जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है। उनकी सूची और आदेश की प्रतियां तहसील कार्यालय नगरी में दो गांवों से प्राप्त हो चुकी हैं। शेष गांवों से संबंधित रिकॉर्ड मंगाने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं। 10 से 15 दिनों के भीतर सभी रिकॉर्ड दुरुस्त कर जांच पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद अवैध रजिस्ट्री तथा कब्जों पर ठोस कार्यवाही होगी।


कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश
भवन निर्माणकर्ता विनय नारंग से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन पर स्पष्ट कहा कि, इस विषय पर न तो वह कोई जानकारी देंगे और न ही किसी प्रकार की चर्चा करेंगे। ज्ञात हो कि, धमतरी जिले के नगरी क्षेत्र में नहर किनारे की सरकारी जमीन पर भवन निर्माण किया जा रहा है। जिसके बाद लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने एसडीएम से की थी। जिसके बाद अब संबंधित विभागों को तत्काल जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।


भू-माफियाओं पर कसा जाये शिकंजा- आदिवासी नेता
आदिवासी नेता जितेंद्र गोलू मंडावी ने कहा कि, जिस त्वरित कार्रवाई की शुरुआत प्रशासन ने की है वह स्वागत योग्य है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि वर्षों से नहर किनारे हो रहे अवैध निर्माण और भूमाफियाओं की गतिविधियों पर स्थायी रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि, इस प्रकार की सख्ती से न केवल अवैध निर्माण पर लगाम लगेगी बल्कि सरकारी और मुआवजा प्राप्त जमीनों को फर्जी तरीके से बेचने वालों के हौसले भी पस्त होंगे। साथ ही आम जनता भी ठगी का शिकार होने से बचेगी और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रख पाएगी।

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