जशपुर में बनेगी तीरंदाजी अकादमी: NTPC के साथ हुआ एग्रीमेंट, सीएम साय बोले- खेल प्रतिभाओं को मिलेगा अवसर

सीएम साय की मौजूदगी में NTPC के साथ हुआ एग्रीमेंट
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित किया जायेगा। इसके लिए सीएम विष्णु देव साय की उपस्थिति में मंगलवार को NTPC के साथ एग्रीमेंट हुआ। जिसके तहत अब जिले के खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से आधुनिक आर्चरी सेंटर बनेगा। सीएम साय ने इस उपलब्धि को युवाओं को तीरंदाजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर बताया है।
दरअसल, बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में बगीचा विकासखंड अंतर्गत सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन और एनटीपीसी के बीच एग्रीमेंट किया गया। एनटीपीसी इसे परियोजना कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से संचालित करेगी।
तीरंदाजी में अपार संभावनाएं- सीएम साय
सीएम साय ने कहा कि, एनटीपीसी की तरफ से सीएसआर के माध्यम से आर्चरी सेंटर की स्थापना के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा रही है, यह अत्यंत हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि, जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के प्रति अपार संभावनाएं हैं, और इस सेंटर के आरंभ होने से उन्हें प्रशिक्षण और संसाधनों की बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।
खिलाड़ियों को मदद करना हमारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, वर्ष 2036 में भारत ने ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। हमारी कोशिश होगी कि, छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में अधिकतम संख्या में शामिल हों और पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। यह तभी संभव है जब हम आर्चरी सेंटर जैसे और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। ऐसे केंद्रों के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मिलेगी पुरस्कार राशि
सीएम साय ने कहा कि, राज्य सरकार ने घोषणा की है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक प्राप्त करने वालों को 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। राज्य खेल अलंकरण समारोह को पुनः आयोजित किए गए हैं और इसके माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है।
जनजातीय क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना का किया जा रहा विकास
सीएम साय ने बताया कि, राज्य में ‘खेलो इंडिया’ के नए प्रशिक्षण केंद्र आरंभ किए गए हैं और जनजातीय क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा- हमारा देश प्राचीन काल से ही तीरंदाजी में अग्रणी रहा है। महाभारत और रामायण जैसे हमारे पवित्र ग्रंथों के नायक भी इस विधा में पारंगत रहे हैं। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के माध्यम से नए आर्चर्स तैयार करने होंगे।
खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं की जाएंगी विकसित
उल्लेखनीय है कि, सन्ना पंडरापाठ में 10.27 एकड़ भूमि में यह अकादमी स्थापित की जाएगी। यहां आउटडोर तीरंदाजी रेंज, खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, खिलाड़ियों की सुविधा हेतु भवन, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, हर्बल वृक्षारोपण और प्रशिक्षण मैदान जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
