रंग लाया सीएम साय का प्रभावी नेतृत्व: दो साल के निरंतर प्रयासों से पीछे छूटा भय, बना विश्वास और विकास का माहौल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा- 2026 तक नक्सल मुक्त बस्तर का संकल्प!
रायपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल वर्षों तक नक्सलवाद, हिंसा और उपेक्षा की पहचान बना रहा, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में अब यह क्षेत्र तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2023 के अंत में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से ही उन्होंने बस्तर को केवल 'सुरक्षा चुनौती' नहीं, बल्कि विकास की अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र मानते हुए विशेष प्राथमिकता दी। उनकी नीति स्पष्ट रही- सुरक्षा, संवाद और विकास तीनों को साथ लेकर चलना और इसी सोच के कारण बस्तर में प्रशासनिक सक्रियता, निवेश और सामाजिक विश्वास की नई लहर दिखाई देने लगी है।

नक्सलवाद के खिलाफ बदली रणनीति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कार्यकाल में बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को नई रणनीति के साथ आगे बढ़ाया गया। वर्ष 2024–25 के दौरान बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे अति-संवेदनशील जिलों में लगातार बड़े सुरक्षा ऑपरेशन चलाए गए।
मई 2025 में मुख्यमंत्री ने स्वयं बीजापुर और दंतेवाड़ा का दौरा कर डीआरजी, सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारियों से सीधी बातचीत की और स्पष्ट संदेश दिया कि अब बस्तर की लड़ाई बंदूक से नहीं, शिक्षा, रोजगार और विकास से जीती जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण से सामान्य जनजीवन की बहाली शुरू हुई।

लगातार दौरों से बढ़ा भरोसा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने कार्यकाल में कई बार बस्तर का दौरा कर यह संदेश दिया कि सरकार जमीनी हकीकत से जुड़ी है-
- 15 अक्टूबर 2024 को उन्होंने दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन किए, मुरिया दरबार में भाग लिया और विकास कार्यों की समीक्षा की।
- मई 2025 में बीजापुर और दंतेवाड़ा दौरे के दौरान सुरक्षा और विकास के बीच संतुलन पर जोर दिया।
- सितंबर 2025 में जगदलपुर में आयोजित Bastar Investor Connect Meet में बस्तर को निवेश के नए केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया।
- 11–12 दिसंबर 2025 को Bastar Olympics का उद्घाटन कर बस्तर के सामाजिक परिवर्तन को नई दिशा दी।

Bastar Olympics: खेल के जरिए सामाजिक बदलाव
दिसंबर 2025 में आयोजित Bastar Olympics मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सबसे प्रभावशाली पहलों में से एक रहा। इसका उद्देश्य बस्तर के ग्रामीण और पूर्व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को खेलों के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ना था।
कबड्डी, फुटबॉल, एथलेटिक्स और तीरंदाजी जैसे खेलों के जरिए युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बस्तर का युवा अब बंदूक नहीं, खेल और कौशल से अपनी पहचान बनाएगा।

आदिवासी संस्कृति को मिला राष्ट्रीय मंच
मुख्यमंत्री के कार्यकाल में बस्तर की आदिवासी संस्कृति को नई पहचान दिलाने का प्रयास तेज हुआ। Bastar Pandum जैसे सांस्कृतिक महोत्सव को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिला।
वर्ष 2025 में इस आयोजन को प्रधानमंत्री स्तर के कार्यक्रमों में स्थान मिलने से बस्तर की लोककला, नृत्य, संगीत और हस्तशिल्प को व्यापक मंच मिला, जिससे स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को आर्थिक अवसर भी प्राप्त हुए।

निवेश और रोजगार की नई संभावनाएँ
सितंबर 2025 में आयोजित Bastar Investor Connect Meet बस्तर के आर्थिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लगभग ₹52,000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों की जानकारी दी।
इनमें खनिज आधारित उद्योग, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। सरकार का फोकस स्थानीय युवाओं को रोजगार और आदिवासी समाज की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

विजन 2047 में बस्तर की केंद्रीय भूमिका
मुख्यमंत्री ने विजन 2047 जैसे दीर्घकालिक विकास दस्तावेजों में बस्तर को विशेष स्थान दिया। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल कनेक्टिविटी, इको-टूरिज्म और कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए लक्ष्य रखा गया है कि बस्तर को नक्सल मुक्त और निवेश अनुकूल बनाया जाए।

छत्तीसगढ़ के भविष्य की मजबूत नींव है बस्तर
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर अब भय और पिछड़ेपन की पहचान से बाहर निकलकर शांति, विकास और आत्मविश्वास की ओर अग्रसर है। लगातार दौरों, स्पष्ट नीतियों, सांस्कृतिक सम्मान और आर्थिक पहलों के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट है कि बस्तर केवल समस्या नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के भविष्य की मजबूत नींव बन सकता है।
